चीनी बर्बरता का नमूना – शिंजियांग में जुमे के दिन उइगरों को जबरन परोसा जा रहा है सूअर का मांस

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सुप्रभा सक्सेना

चीन के शिंजियांग प्रांत में ‘री-एजुकेशन’ कैंप में रह रहे उइगर मुसलमानों को हर जुमे के दिन खाने के लिए जबरन सुअर का मांस परोसा जा रहा है।

चीन सरकार की ओर से किए जा रहे इस अत्याचार से पीड़ित महिला सेरागुल सौतबे ने समाचार चैनल अल जजीरा को साक्षात्कार के दौरान बताया कि हर जुमे के दिन उन्हें जबरन सूअर का मांस खाने के लिए दिया जाता है और खाने से मना करने पर सख्त सजा दी जाती है। सौतबे का कहना है कि जानबूझकर जुमे का दिन ही सूअर का मांस देने के लिए रखा गया है क्योंकि यह दिन मुस्लिम धर्म में पवित्र माना जाता है। पीड़ित सौतबे एक मेडिकल फिजिशियन हैं और स्वीडन में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों को बयान करते हुए एक किताब भी लिखी है। इसमें यह भी बताया गया है कि इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की जाती थी। 

इन्हीं हालातों से गुजरी एक अन्य पीड़ित जुमरेत दावूत ने बताया कि 2 महीनों तक प्रशासन ने पाकिस्तान से संपर्क को लेकर इनसे पूछताछ की। दरअसल पाकिस्तान इनके पति का जन्मस्थान है। उनसे कई सवाल पूछे गए जैसे उनके कितने बच्चे हैं और उन्होंने कुरान पढ़ी है कि नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें कैंप के पुरुष अधिकारियों से वॉशरूम जाने की अनुमति के लिए भीख मांगनी पड़ती थी। अनुमति मिलने पर पुरुष अधिकारी हथकड़ी लगाकर उन्हें वॉशरूम लेकर जाते थे। 

उल्लेखनीय है कि साल 2019 में शिंजियांग के शीर्ष प्रशासक शोहरत जाकिर ने कहा था कि शिंजियांग एक पिग रेजिंग क्लब में परिवर्तित होगा। इस परियोजना के लिए काशगर की कोनाक्सआहर काउंटी की 25 हजार स्कवॉयर मीटर की जमीन के लिए 23 अप्रैल 2020 को एक डील पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। यह शिंजियांग में रहने वाले लोगों का संस्कृति और धर्म को पूरा तरह से मिटा देने का प्रयास था। शिंजियांग क्षेत्र में उइगरों पर हो रहे अत्याचारों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हुई है लेकिन चीन ने लगातार खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया है।

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(सुप्रभा सक्सेना पत्रकार है, जे पी लाइव 24 इस खबर की पुष्टि नहीं करता है)

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