पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का विलय आज जेडीयू में हो जाएगा. अब से थोड़ी देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रालोसपा नेता इसका ऐलान करेंगे. इसके बाद बिहार में ‘लव-कुश समीकरण’ मजबूत होगा, जिसका फायदा दोनों को होना तय है. लेकिन सवाल ये है कि रालोसपा का जदयू में विलय क्यों हो रहा है. जदयू और रालोसपा का गठबंधन क्यों नहीं हो रहा??
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राजनैतिक गालियारों में यह सवाल पूछा जा रहा है कि कभी नीतीश कुमार के मुखर विरोधी रहे उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पार्टी का अब जदयू में विलय क्यों नहीं रहा. तो उसका जवाब ये है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी बनेने के बाद भी नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी राजनीति में सफल हुए, न ही गठबंधन की मुख्य धारा में लौट सके. 2013 में बनी रालोसपा का एक समय में वजूद था. पार्टी एनडीए में शामिल थी और स्वयं उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय राज्यमंत्री थे. वहीं, एनडीए से बाहर होने के बाद फिलहाल पार्टी का कोई भी नेता लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा या विधान परिषद के लिये चयनित नहीं हो सका है. ऐसे में जदयू और रालोसपा में गठबंधन की संभावना नजर नहीं आती.