उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर बड़ी खबर आ रही है. आरक्षण लागू करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है जिसमें कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार को वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था.याचिकाकर्ता दलीप कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने की मांग की है. इधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद नये सिरे से आरक्षण सूची जारी की जा रही है. पहली सूची शनिवार को प्रकाशित भी कर दी गयी है.

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इधर आरक्षण पर मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली, 2021 के संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. सरकारी बयान के अनुसार मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली, 1994 में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का फैसला किया है. मंत्रिपरिषद से अनुमोदित नियमावली आगामी सामान्‍य पंचायत चुनाव में लागू की जाएगी. उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया. अदालत ने इसके साथ ही पंचायत चुनाव पूरा कराने के लिए सरकार और आयोग को 25 मई तक का समय दिया है.

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