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नाबालिग से बलात्कार करने और उसके परिवार को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए दबाव डालने का आरोप: उच्च न्यायलय का आरोपी को जमानत देने से इंकार-

इलाहाबाद उच्च न्यायलय ALLAHABAD HIGH COURT ने गुरुवार को एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने और उसके परिवार के सदस्यों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए दबाव डालने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज की।

न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कि नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार RAPE किया गया और पूरे परिवार को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव डालने के आरोपी अब्दुल रहमान को जमानत देने से इनकार कर दिया।

रहमान पर आईपीसी IPC की धारा 452/376/120-बी और पॉक्सो अधिनियम PASCO ACT की धारा 3/4, 17/18 और उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2020 की धारा 3/5 (1) और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा 66E के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी FIR के अनुसार आरोपी/याचिकाकर्ता और सह-अभियुक्त कलीम के खिलाफ दर्ज की गई है। यह आरोप लगाया गया है कि रहमान शिकायतकर्ता के घर में घुस गया और उसकी नाबालिग बेटी के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया जब वह अपने घर पर अकेली थी।

यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने पीड़िता का वीडियो क्लिप बनाया और उस पर फिर से शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रहा था और जब शिकायतकर्ता (पीड़िता के पिता) ने पिता (आरोपी के) से वीडियो क्लिप VIDEO CLIP को हटाने के लिए कहा, तब उन्होंने कहा कि जब तुम्हारा पूरा परिवार धर्म परिवर्तन करेगा तो मेरा बेटा तुम्हारी बेटी से शादी करेगा, नहीं तो मैं उससे शादी कर लूंगा।

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आवेदक के वकील ने प्रस्तुत किया कि आरोपी निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 26 जनवरी से जेल में बंद है।

एजीए AGA ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान नाबालिग पीड़िता की बनाई गई एक वीडियो क्लिप VIDEO CLIP को अपने कब्जे में ले लिया है। एजी ने आगे कहा कि लड़की लगभग 14 साल की नाबालिग है और आरोपी और उसके परिवार ने पीड़ित परिवार पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने की भी कोशिश की।

अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि, “मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद और मामले की गंभीरता को देखते हुए कि नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार किया गया और पूरे परिवार को धर्म बदलने के लिए कहा गया। इस मामले की मैरिट को देखते हुए आवेदक की जमानत याचिका खारिज BAIL APPLICATION REJECTED की जाती है।”

केस का शीर्षक – अब्दुल रहमान @ गोलू बनाम यू.पी. राज्य
BAIL APPLICATION No. – 21091 of 2021

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