नेपिता। जैसा कि हम जानतें है कि म्यांमार में तख्तापलट हुआ है। जिसके बाद से ही पुलिस और सेना दोनों ही कहर बनकर टूट रही है। बीते बुधवार को प्रदर्शन पर उतरे लोगों का बुरा हाल तब हुआ जब, सेना और पुलिस की हिंसक कार्रवाई में 38 और लोगों की मौत हो गई । इस विरोध में खबरें मिल रहीं है कि अब तक करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं बल्कि सैकड़ों आंदोलनकारियों को जेलों में भी भेजा गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बुधवार को पुलिस और सेना के जवानों ने चेतावनी देने सूत्रों की मानें तो एक वकील द्वारा बयान में बताया गया है कि म्यांमार की सेना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसी के एक पत्रकार समेत मीडिया से जुड़े पांच अन्य लोगों के खिलाफ कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। अगर आरोप साबित हो जाता है तो इन्हें तीन वर्ष तक की कैद हो सकती है। हिंसा से नहीं दबाया जा सकता पोप फ्रांसिस ने बुधवार को कहा कि म्यांमार के लोगों की उम्मीदों को हिंसा से दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने सेना से राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की भी अपील की।