सुप्रीम कोर्ट : आरक्षण के लिए समयसीमा तय करने की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार-

Estimated read time 1 min read

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि शैक्षणिक संस्थानों में जाति आधारित आरक्षण एक निश्चित समयसीमा के लिए होना चाहिए।

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील डॉ. सुभाष विजयरन के वकील से कहा कि या तो आप याचिका वापस ले लीजिए नहीं तो हम इसे खारिज कर देंगे।

पीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता वकील होने का साथ-साथ एमबीबीएस डॉक्टर भी था।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अशोक कुमार ठाकुर मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के कोटे को खत्म करने की बात कही थी।

इस पर पीठ ने कहा, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, बल्कि एक न्यायाधीश ने कहा था।

हालांकि, पीठ के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। याचिकाकर्ता का कहना था कि आरक्षण के कारण कम प्रतिभा वालों को शिक्षण संस्थानों में सीट मिल जाती है और अधिक प्रतिभा वाले पीछे रह जाते हैं।

यह देश की प्रगति में बाधक बन रहा है। याचिकाकर्ता का कहना था कि अगर वे सीटें ओपन हो तो इससे देश तरक्की करेगा।

ALSO READ -  जनसंख्या विस्फोट भारत में 50 फीसद से अधिक समस्याओं का मूल कारण, सरकार से नियंत्रित करने का निर्देश-

You May Also Like