सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी रविवार शाम को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है-
बार के सदस्यों, पार्टी-इन-पर्सन और सभी संबंधितों की जानकारी के लिए एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि ओमाइक्रोन वेरिएंट (COVID-2019) के मामलों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, सक्षम प्राधिकारी ने यह निर्देश दिया है कि भौतिक सुनवाई के लिए 07.10.2021 को अधिसूचित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जिसमें हाइब्रिड विकल्प दिया गया तो को स्थगित किया जाता है और 3 जनवरी से दो सप्ताह की अवधि के लिए केवल वर्चूअल सुनवाई होगी।
वहीं उत्तर प्रदेश में COVID 19 के बढ़ते मामलों के बीच, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने 3 जनवरी से दोनों पीठों यानी लखनऊ और इलाहाबाद में वर्चुअल मोड के माध्यम से कार्य करने का निर्णय लिया है।
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता में रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि 3 जनवरी से ऑनलाइन सुनवाई मोड को चुना जाएगा।
अवध बार एसोसिएशन के महासचिव श्री एएन त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राकेश चौधरी के साथ प्रशासनिक समिति की बैठक में भाग लिया, जिसमें COVID19 के बढ़ते मामलों के मुद्दे पर चर्चा की गई।
समिति ने पाया कि लखनऊ में प्रतिदिन 50 से अधिक कोरोना के मामले आ रहे हैं, जिनमें वर्चुअल हियरिंग की ओर शिफ्ट होने और ऑफलाइन सुनवाई को बंद करने का आह्वान किया गया है।
श्री त्रिपाठी ने यह भी बताया कि प्रशासनिक समिति ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि कल (3 जनवरी) को कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाएगा और जिन मामलों में काउंसल कनेक्ट नहीं हो सके, उन्हें एक दिन बाद (अर्थात मंगलवार को) लिया जाएगा।
कलकत्ता हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट समेत देश के विभिन न्यायलयों ने कोरोना और ओमीक्रान के बढ़ते संक्रमण के चलते दिनांक 3 जनवरी से वर्चुअल मोड़ में जाने का निश्चय लिया गया है.