इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। जानिए आखिर क्या है पूरा मामला..
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में एक प्रश्न के उत्तर गलत होने के कारण मेरिट में एक अंक कम रह गए अभ्यर्थियों को एक अंक का लाभ देने के आदेश का अनुपालन न होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख लगाई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विकास ने विजय कुमार भारती व अन्य की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी, राहुल मिश्र व अन्य को सुनकर दिया है।
अवमानना याचिका में एकल पीठ और स्पेशल अपील में हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने की मांग की गई है। इस आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को एक प्रश्न के गलत उत्तर के एवज में एक अंक देने का निर्देश दिया था जो एक अंक कम होने से मेरिट में आने से रह गए थे। यह आदेश सिर्फ याचियों के लिए था।
याचियों की ओर से कहा गया कि बेसिक शिक्षा परिषद ने अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया है। दूसरी ओर परिषद के वकील यतींद्र का कहना था कि लखनऊ खंडपीठ में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मेरिट के आधार पर खुद को सामान्य वर्ग में रखने की मांग में याचिका दाखिल की थी।
इस याचिका पर हुए आदेश के खिलाफ विशेष अपील अभी लंबित है इसलिए इस अवमानना याचिका की सुनवाई अभी टाल दी जाए। इसका विरोध करते हुए याचियों के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि लखनऊ खंडपीठ में भी अवमानना याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को दो माह का समय दिया था ।
27 जनवरी को वह समय अवधि बीत चुकी है इसलिए अब और समय की मांग नहीं की जा सकती। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा सुनवाई टालने की मांग नामंजूर करते हुए प्रकरण को 22 फरवरी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।