बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की जांच के खिलाफ परमबीर सिंह की याचिका खारिज की-

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा दायर उस याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई के योग्य नहीं माना, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गयी दो प्राथमिक जांच को रद्द करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिंह द्वारा मांगी गयी राहत पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण फैसला ले सकता है क्योंकि यह सेवा का मामला है।

अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता (सिंह) उचित मंच का रुख करते हैं तो वह इस पर सुनवाई कर सकता है और उच्च न्यायालय के बृहस्पतिवार के आदेश के संबंध में किसी पूर्वाग्रह के बिना फैसला दे सकता है।

सिंह ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करने के राज्य सरकार के दो आदेशों को चुनौती दी है। पहली जांच ड्यूटी में लापरवाही और गलत आचरण को लेकर और दूसरी कथित भ्रष्टाचार को लेकर है।

राज्य सरकार ने सिंह की याचिका पर प्राथमिक आपत्तियां जतायी थीं और कहा था कि उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं कर सकता क्योंकि यह पूरी तरह सेवा का मामला है और इस पर प्रशासनिक न्यायाधिकरण को सुनवाई करनी चाहिए।

सरकार के वकील डेरियस खम्बाटा ने दलील दी थी कि याचिका व्यर्थ है। उन्होंने तर्क दिया था कि याचिका में जिन दो प्रारंभिक जांचों को चुनौती दी गयी है, उनका कोई मतलब नहीं है क्योंकि जांच का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने अपने आप को इससे अलग कर लिया है। उन्होंने याचिका में सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए आरोपों के बाद खुद को जांच से अलग कर लिया।

ALSO READ -  तेलगांना हाई कोर्ट ने 58 वर्ष पूर्व 60 रु में सरकार द्वारा अधिग्रहित घर और जमीन को उसके मालिक को वापस दिला किया न्याय -

अपनी याचिका में सिंह ने संजय पांडे के खिलाफ भी आरोप लगाए थे और दावा किया था कि डीजीपी ने उन्हें एक निजी बैठक में कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सिंह की शिकायत के कारण जांच शुरू की गयी है।

सिंह ने इस साल मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

You May Also Like