इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की मेजा तहसील के कोठा गांव स्थित कब्रिस्तान के लिए अधिग्रहीत जमीन के बदले वैकल्पिक जमीन की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने अब्दुल हमीद द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
याचिका ग्राम पंचायत कोठा, ब्लॉक उरुआ, तहसील मेजा, जिला प्रयागराज के ग्रामीणों द्वारा कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल की जा रही भूमि के अधिग्रहण के बदले में प्रतिवादियों को वैकल्पिक भूमि प्रदान करने का निर्देश देने के लिए दायर की गई है।
कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा नहीं है कि जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया है और जिसके बदले याचिकाकर्ता वैकल्पिक जमीन चाहता है, वह दूसरे प्रतिवादी की परियोजना के लिए अधिग्रहण के अधीन है।
कोर्ट ने आगे कहा, कानून का कोई प्रावधान नहीं दिखाया गया है जिसके तहत अनिवार्य अधिग्रहण के बदले वैकल्पिक भूमि आवंटित की जा सकती है।
कोर्ट ने कहा कि केवल वही व्यक्ति मुआवजा पाने का हकदार है, जो इस संबंध में दावा पेश कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में प्रतिवादियों को वैकल्पिक भूमि आवंटित करने का कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता।