देश के सर्वोच्च अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों और सभी अधिकरणों में वर्चुअल सुनवाई बंद करने का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट और कुछ ट्रिब्यूनल को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या उनके यहां हाइब्रिड (फिजिकल और वर्चुअल मोड) सुनवाई हो रही है या नहीं, अगर नहीं तो क्यों।
कोर्ट ने 10 दिन के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत दो हफ्ते बाद मामले की दोबारा सुनवाई करेगी।
ये निर्देश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई बंद करने के संबंध में एक याचिकाकर्ता द्वारा दायर शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को कोर्ट के सामने उठाने के लिए याचिकाकर्ता को धन्यवाद दिया और कहा कि वह इस संबंध में कुछ करेंगे. वह काफी समय से इस बारे में सोच रहे थे।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह कोर्ट के सामने एक अहम मुद्दा लेकर आए हैं। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सभी हाई कोर्ट को नोटिस जारी कर हाइब्रिड सुनवाई की स्थिति के बारे में पूछेंगे।
इसके अलावा कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुरोध किया है कि वह वित्त मंत्रालय से निर्देश लेकर अपने अधीन ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण, ऋण वसूली न्यायाधिकरण और अन्य न्यायाधिकरणों के बारे में जानकारी दें और सुनवाई में अदालत की मदद करें।
इस मामले में याचिकाकर्ता सर्वेश माथुर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कोरोना के समय शुरू हुई वर्चुअल सुनवाई पर रोक लगा दी है। वर्चुअल सुनवाई बंद होने से ग्राहकों और अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।