इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर के नौ वकीलों को अवमानना नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए.
इन वकीलों पर कोर्ट में आपसी विवाद व अफ़रातफ़री फैलाने और न्यायालय की गरिमा गिराने का आरोप है. हाईकोर्ट ने कहा कि इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. साथ ही प्रथमदृष्टया अवमानना का केस बनता है. कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मधुलता त्रिपाठी की शिकायत व जिला जज की रिपोर्ट की कॉपी नोटिस के साथ वकीलों को भेजने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने यह आदेश चंदन सोनकर व अन्य के खिलाफ भेजी गई जिला जज कानपुर नगर की रिपोर्ट पर अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए दिया है.
मामले के तथ्यों के अनुसार गत आठ फरवरी को मजिस्ट्रेट न्यायिक कार्य कर रही थीं तो आपसी विवाद के मुकदमे को लेकर वकील आपस में बहस करने लगे फिर गाली-गलौज व धमकाने लगे. यह देख मजिस्ट्रेट अपने चैंबर में चली गईं तो पेशकार ने बताया कि 35-40 अधिवक्ता आपस में झगड़ रहे हैं. वे अनियंत्रित हो चुके हैं. तीन केस में दोनों पक्ष वकील हैं और वे आपस में झगड़ रहे हैं. इसकी शिकायत जिला जज से की गई. जिला जज ने नौ फरवरी को रिपोर्ट भेजकर अवमानना कार्यवाही करने का अनुरोध किया, जिस पर हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर वकीलों से स्पष्टीकरण मांगा है.