वाराणसी : देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने की खबर आने के बाद छात्रों के एक समूह ने आपत्ति जतायी है. साथ ही विश्वविद्यालय के करीब तीन दर्जन से ज्यादा छात्रों ने कुलपति राकेश भटनागर के आवास के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा है कि बीएचयू में नीता अंबानी के विजिटिंग प्रोफेसर की खबर फर्जी हैं. बीएचयू से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक, नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाये जाने की खबरों के बाद छात्रों के एक समूह ने कुलपति राकेश भटनागर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त कर विश्वविद्यालय ‘गलत उदाहरण’ पेश कर रहा हूँ.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समूह में शामिल एक रिसर्च स्कॉलर ने नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि, हम एक गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं. किसी अमीर आदमी की पत्नी होना कोई उपलब्धि नहीं हो सकती. अगर महिला सशक्तीकरण को लेकर बात करनी है, तो अरुणिमा सिन्हा, बछेंद्री पाल, मैरी कॉम या फिर किरण बेदी को बुलाया जाना चाहिए.” मालूम हो कि बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से रिलायंस फाउंडेशन को प्रस्ताव भेज कर नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाये जाने की खबर आयी थी. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नीता अंबानी के साथ-साथ उद्योगपति गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी और भारतीय मूल के ब्रिटेन के स्टील व्यवसायी लक्ष्मी मित्तल की पत्नी ऊषा मित्तल के नाम पर भी विचार किया गया. वहीं, सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन केके मिश्रा का कहना है कि ”ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रैजुएशन कोर्स के अलावा महिला सशक्तीकरण पर भी अकादमिक और शोध कार्य होता है. विश्वविद्यालय से परोपकारी उद्योगपतियों को जोड़ने की परंपरा पुरानी है. हमने रिलायंस फाउंडेशन को पत्र भेज कर पूछा है कि बीएचयू के महिला अध्ययन केंद्र में नीता अंबानी विजिटिंग प्रोफेसर बनने को लेकर सहमति मांगी है.