भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘हम उपस्थिति मेमो की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर रहे हैं. वकील जो भी अपलोड करेंगे, वह हमें मिल जाएगा. ‘कोर्ट मास्टर्स’ को इसे टाइप नहीं करना होगा.’’
देश की सर्वोच्च न्यायालय को ‘‘कागज मुक्त” बनाने और डिजिटलीकरण की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि एक जनवरी, 2023 को ‘एडवोकेट एपीयरेंस पोर्टल’ की शुरुआत की जाएगी। इस पोर्टल की शुरुआत के बाद वकीलों को उपस्थिति पर्ची को हाथों से जमा करने की जरूरत नहीं रह जाएगी और वे अपनी हाजिरी दर्ज कराने के लिए ‘एडवोकेट एपीयरेंस पोर्टल’ पर ‘लॉग इन’ कर सकेंगे।
वर्तमान में, वकील सुनवाई में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक निर्धारित फॉर्म पर मामले और उसके क्रमांक जैसे विवरणों के साथ अपना नाम लिखते हैं, ताकि उनके नाम अदालत के आदेशों में दिखाई दें। शुक्रवार को सुनवाई शुरू होने से ठीक पहले प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम उपस्थिति मेमो की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर रहे हैं।
वकील जो भी अपलोड करेंगे, वह हमें मिल जाएगा। ‘कोर्ट मास्टर्स’ को इसे टाइप नहीं करना होगा।” बाद में उच्चतम न्यायालय ने एक बयान जारी कर नये साल से ‘एडवोकेट एपीयरेंस पोर्टल’ की शुरुआत करने की घोषणा की।