इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो ऑपरेटर की बहाली प्रक्रिया रद्द, RE-EXAM के दिए आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो ऑपरेटर की बहाली प्रक्रिया रद्द, RE-EXAM के दिए आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो ऑपरेटर की बहाली प्रक्रिया रद्द कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने री-एग्जाम RE-EXAM के आदेश बहाली प्रक्रिया के लिए जारी नोटिफिकेशन में बदलाव करने के बाद आया. नौकरी का विज्ञापन जारी करने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने निर्धारित डिग्री की योग्यता, डिप्लोमा DIPLOMA की जगह बीटेक B-TECH, कर दिया था. बोर्ड के इसी प्रस्ताव को अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं अब बहाली करने को लेकर दोबारा से इक्जाम लिया जाएगा.

दोबारा से होगी यूपी पुलिस रेडियो ऑपरेटरों की बहाली परीक्षा

जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने रेडियो ऑपरेटर RADIO OPERATOR की परीक्षा रद्द कर दी है. फैसले में हाईकोर्ट ALLAHABAD HIGH COURT ने कहा कि बहाली प्रक्रिया शुरू होने के बाद ‘योग्यता’ में बदलाव करना नियमों के विरूद्ध है. इस दौरान हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ‘एलिजिबलिटी क्राइटेरिया’ में बदलाव नहीं कर सकती है. ऐसा बदलाव केवल सरकार ही कर सकती है.

उत्तर प्रदेश पुलिस हेड रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों के लिए निकली बहाली में 80 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. वहीं, साल 2022 में हुई इस परीक्षा में 40,000 अभ्यर्थियों उपस्थित रहे. चूंकि, मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित था, इसलिए परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया था. अब अदालत द्वारा परीक्षा रद्द किए जाने के बाद रेडियो ऑपरेटर की परीक्षा दोबारा से कराई जाएगी.

क्या है नियम?

बहाली के लिए वैकेंसी की संख्या, शैक्षणिक योग्यता सरकार के स्तर पर तय की जाती है. विभागीय स्तर पर की जानेवाली बहाली उम्र सीमा तक की भी जानकारी होती है. चूंकि रेडियो ऑपरेटर की बहाली प्रक्रिया में बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष चेयरमैन रेणुका मिश्रा ने एक प्रस्ताव के सहारे शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा से लेकर बीटेक तक के लिए कर दिया गया था, जिसे वर्तमान चेयरमैन राजीव कृष्णा ने डिग्री धारकों को योग्यता से हटा दिया था. इसी फैसले को बीटेक डिग्री धारकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ALLAHABD HIGH COURT में चुनौती दी थी. अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड को अगर बहाली विज्ञापन में किसी प्रकार का बदलाव करना हो, तो उन्हें सरकार के पास प्रस्ताव भेजना होता है. चूंकि इस बहाली प्रक्रिया में बोर्ड के चैयरमैन ने अपने स्तर से बदलाव किया था, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियमों का उल्लंघन मानते हुए परीक्षा को दोबारा से कराने के निर्देश दिए हैं.

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