**इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी राहत: टेलीकॉम टावरों पर संपत्ति कर वसूली पर लगाई रोक, केंद्र के दूरसंचार अधिनियम को प्राथमिकता**

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी राहत: टेलीकॉम टावरों पर संपत्ति कर वसूली पर लगाई रोक, केंद्र के दूरसंचार अधिनियम को प्राथमिकता

इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच : टेलीकम्युनिकेशन टावरों पर नगर निकायों द्वारा संपत्ति कर लगाए जाने की वैधता को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका में, न्यायमूर्ति राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत देते हुए, संबंधित नगर निकायों द्वारा जारी किए गए कर निर्धारण नोटिसों और बिलों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। यह आदेश न्यायालय द्वारा 5 मार्च 2025 को Indus Towers Ltd. बनाम भारत संघ में पारित पूर्व आदेश के अनुरूप पारित किया गया।

मुद्दा और कानूनी विश्लेषण:

याचिका में मुख्यतः यह प्रश्न उठा कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 के तहत बनाए गए नियम, विशेषकर संपत्ति कर नियम, दूरसंचार अधिनियम, 2023 के लागू होने के बाद भी प्रभावी रह सकते हैं या नहीं। न्यायालय ने विशेष रूप से धारा 14(3) और धारा 52 का उल्लेख किया और कहा कि ये प्रावधान prima facie इस बात का संकेत देते हैं कि यदि राज्य कानून या उसके अधीन बनाए गए नियम केंद्रीय कानून से टकराते हैं, तो केंद्रीय अधिनियम की प्राथमिकता होगी।

नगर निगम लखनऊ द्वारा याचिकाकर्ता को पूर्व आदेश का लाभ देने का विरोध करते हुए तर्क दिया गया कि उत्तर प्रदेश नगर निगम (संपत्ति कर) (द्वितीय संशोधन) नियम, 2013 को Indus Towers मामले में पर्याप्त रूप से नहीं देखा गया।

इसके जवाब में, याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 52(2) स्पष्ट रूप से कहती है कि किसी भी अन्य वैध कानून, चाहे वह केंद्र के अधीन हो या किसी राज्य विशेष पर लागू, यदि टकराव होता है तो दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धाराएं प्रभावी होंगी।

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न्यायालय का निष्कर्ष:

न्यायालय ने इस तर्क से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि prima facie, याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत देने का आधार मौजूद है। अतः न्यायालय ने संपत्ति कर संबंधी नोटिसों और बिलों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।

न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले में कई महत्वपूर्ण विधिक प्रश्न विचारार्थ हैं, विशेष रूप से यह कि क्या 1959 का अधिनियम अब भी वैध रूप से लागू किया जा सकता है जबकि दूरसंचार अधिनियम, 2023 जैसे केंद्रीय अधिनियम ने क्षेत्र को कवर कर लिया है।

आदेश:

  • यह याचिका Indus Towers Ltd. बनाम भारत संघ से सम्बद्ध कर जोड़ी जाएगी और एक साथ सूचीबद्ध होगी।
  • सभी पक्ष छह सप्ताह के भीतर अपनी-अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें।
  • याचिकाकर्ता को दिनांक 05-03-2025 के आदेश का लाभ, समान शर्तों पर प्रदान किया जाता है।

[एलेवर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड बनाम भारत संघ, रिट – सी सं. – 4159/2025, निर्णय दिनांकः 01-05-2025]

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