सुु्प्रीम कोर्ट के एक और न्यायमूर्ति ने खुद को तरुण तेजपाल की याचिका पर On Camera सुनवाई से किया अलग-

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Sex Extortion यौन उत्पीड़न मामले में Tarun Tejpal तरुण तेजपाल की ओर से Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सोमवार को एक और न्यायाधीश ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया।

शीर्ष अदालत ने न्यायाधीश यूयू ललित ने सोमवार को तहलका पत्रिका के पूर्व मुख्य संपादक तरुण तेजपाल की ओर से दाखिल अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। तेजपाल की इस याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें साल 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में इन-कैमरा सुनवाई के लिए आवेदन को खारिज कर दिया गया था। 

इस मामले में सोमवार को न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सुनवाई होनी थी।

इस पीठ में न्यायाधीश पीएस नरसिंहा और एस रवींद्र भट्ट भी शामिल थे। न्यायाधीश नरसिंहा ने कहा कि न्यायाधीश यूयू ललित मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। इससे पहले न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने भी इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने का फैसला लिया था।

अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की कोई और पीठ करेगी। जस्टिस यूयू ललित ने खुद को सुनवाई से अलग करने के पीछे कारण बताया है कि वह पहले एक वकील के तौर पर तेजपाल के लिए पेश हो चुके हैं। इसी तरह न्यायाधीश राव ने भी खुद को सुनवाई से अलग करते हुए कहा था कि वह इस मामले में गोवा सरकार की ओर से वकील के रूप में पेश हुए थे। 

ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपों में किया था बरी

तरुण तेजपाल ने अपनी अपील में यौन उत्पीड़न के मामले में अपनी दोष मुक्ति के खिलाफ गोवा सरकार की ओर से दाखिल की गई याचिका पर इन कैमरा सुनवाई करने की मांग की है। 21 मई 2021 को गोवा में एक ट्रायल कोर्ट ने तेजपाल को उनके खिलाफ सभी आरोपों से बरी कर दिया था। इनमें एक महिला सहकर्मी से यौन उत्पीड़न का आरोप भी शामिल था।

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दोष मुक्ति के खिलाफ गोवा पुलिस की ओर से याचिका दाखिल की थी। तेजपाल ने इस याचिका पर इन कैमरा सुनवाई की मांग की थी लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया था। तरुण तेजपाल पर सात नवंबर 2013 को गोवा में एक होटल की लिफ्ट में और आठ नवंबर 2013 को एक तत्कालीन सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।

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