HighCourt चीफ़ Justice के ट्रांसफर पर बार एसोसिएशन का विरोध, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से की फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग-

HighCourt चीफ़ Justice के ट्रांसफर पर बार एसोसिएशन का विरोध, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से की फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग-

मद्रास बार एसोसिएशन ने रविवार को मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी (Justice Sanjib Banerjee) को ट्रांसफर Transfer किए जाने की सिफारिशों का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से इस सिफारिश पर दोबारा विचार करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. कॉलेजियम ने चीफ जस्टिस बनर्जी का ट्रांसफर मेघालय हाई कोर्ट करने की सिफारिश की है. जिसके बाद मद्रास के वकील लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और इसे “सजा” के तौर पर देख रहे हैं.

बार एसोसिएशन के इमरजेंसी सेशन में पारित इस प्रस्ताव में कहा गया, “चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी का ट्रांसफर मद्रास हाई कोर्ट से मेघालय हाई कोर्ट करने और जस्टिस टीएस शिवागनानम को कलकता हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिशों में अपारदर्शिता को लेकर एसोसिएशन काफी चिंतित है. ये ट्रांसफर स्थानांतरण के लिए प्रकिया ज्ञापन का उल्लंघन जैसे दिख रहे हैं. ये ट्रांसफर सजा के तौर पर लग रहा है और यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए सही संकेत नहीं हैं”

9 नवंबर को भारत के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमणा की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बताया कि 16 सितंबर को हुई बैठक में जस्टिस बनर्जी के ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी. इसी मीटिंग में कॉलेजियम जस्टिस शिवागनानम को कलकत्ता हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की भी सिफारिश की थी, जो मद्रास हाई होर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज थे. सरकार ने जस्टिस शिवागनानम के ट्रांसफर को लेकर 11 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी किया था.

295 से ज्यादा वकीलों ने किया विरोध प्रदर्शन-

इससे पहले चीफ जस्टिस के ट्रांसफर के फैसले का विरोध करते हुए 295 से ज्यादा वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को याचिका दी थी. वकीलों ने इसमें लिखा कि क्या निडर होकर आदेश पारित करने के लिए उन्हें सजा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया गया है. वकीलों ने अपने पत्र में कहा कि एक ऐसा कोर्ट जहां साल भर में 35,000 से ज्यादा केस दायर होते हैं, वहां से जस्टिस बनर्जी जैसे सक्षम और निडर जज को ऐसी जगह भेजा जा रहा है जहां महीने में सिर्फ 70 से 75 याचिका दायर होती होती है.

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कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी को मद्रास हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की थी. तीन-सदस्यीय कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा, जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस ए एम खानविलकर शामिल हैं, जो हाई कोर्ट के जजों के ट्रांसफर के संबंध में निर्णय लेता है.

न्यायमूर्ति बनर्जी ने चुनाव आयोग को लगाई थी फटकार

कानून मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, जस्टिस संजीव बनर्जी ने मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में इस साल 4 जनवरी को कामकाज संभाला था और वह एक नवंबर, 2023 को रिटायर होंगे. जस्टिस बनर्जी ने केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था. इसके अलावा जस्टिस बनर्जी ने ही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच विधानसभा चुनावों में कोविड प्रोटोकॉल लागू करवाने में असफल रहने पर चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी.

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