इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ Allahabad High Court Lucknow Bench ने स्थानीय प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने सांसद सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।बता दें कि सिंह के खिलाफ 2014 में अयोध्या के राम जन्मभूमि पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) में मामला दर्ज किया गया था। बाद में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ समन जारी किया।
श्री जनार्दन सिंह, विद्वान अधिवक्ता याचिकाकर्ता ने कार्यवाही को चुनौती देते हुए, सिंह ने दलील दी थी कि सीआरपीसी धारा 195 Cr.P.C के प्रावधानों के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 188 I.P.C के तहत सरकारी अधिकारी द्वारा मात्र परिवाद दाखिल किया जा सकता है। धारा 188 के तहत न तो प्राथमिकी दर्ज हो सकती है और न ही आरोपपत्र पर निचली अदालत संज्ञान ले सकती है। इसलिए कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए। अदालत ने सुनवाई के उपरांत सिंह के खिलाफ उक्त मामले से सम्बन्धित पूरी प्रक्रिया को भी खारिज कर दिया है। बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।
श्री राव नरेंद्र सिंह, ए.जी.ए. ने भी माना कि सीआरपीसी धारा 195 द.प्र.सं. के प्रावधानों के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 188 I.P.C के तहत सरकारी अधिकारी द्वारा मात्र परिवाद दाखिल किया जा सकता है।
अदालत ने आरोपित आरोप पत्र नं. 03/2014 दिनांक 08-10-2014 के खिलाफ पुलिस द्वारा प्रस्तुत किया गया धारा 188 I.P.C के तहत अपराधों के लिए याचिकाकर्ता को 2014 के केस क्राइम नंबर 72 से संबंधित, पुलिस सतना-राम जन्म भूमि, जिला-फैजाबाद अस साथ ही समन आदेश दिनांक 11-06-2015 का केस नंबर 2247 पारित, राज्य बनाम बृज भूषण सिंह सहित आगे की कार्यवाही अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष लंबित -फैजाबाद कार्यवाही को एतद्द्वारा निरस्त किया जाता है।
केस टाइटल – Brij Bhushan Sharan Singh Versus State Of U.P. Thru. Secy. Deptt. Home .And Another
केस नंबर – APPLICATION U/S 482 No. – 1843 of 2022
कोरम – न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह