पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम से बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था। आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार खिलाफ केस दर्ज की थी।
सुप्रीम कोर्ट नेनिलंबित IPS अफसर आदित्य कुमार की गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की पर रोक लगा दी है। कोर्ट 6 सप्ताह बाद इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी। इसके बाद कोर्ट दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद आदित्य कुमार को राहत दे दी।
क्या था मामला –
निलंबित IPS अफसर आदित्य कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने केस की पैरवी के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम से बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था। इसके बाद फर्जीवाड़ा कर शराब कांड को खत्म कराने के मामले में 15 अक्तूबर, 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार खिलाफ केस दर्ज की थी। पुलिस मुख्यालय ने IPS आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने 5 दिसंबर 2022 को 1.37 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।
2011 बैच के आइपीएस आदित्य कुमार का निलंबन 15 अप्रैल, 2023 को समाप्त हो गया। गया के पूर्व एसएसपी रहे भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के निलंबित अधिकारी आदित्य कुमार पुलिस रिकॉर्ड में पिछले छह महीने से फरार चल रहे हैं। पटना हाइकोर्ट द्वारा निलंबित आइपीएस की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इस मामले में नवंबर 2022 के पहले सप्ताह में ही विशेष कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया। बावजूद अब तक उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है। गया के पूर्व एसएसपी रहे भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के निलंबित अधिकारी आदित्य कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल रोक लगा दी है। आईपीएस आदित्य कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पिछले करीब 6 महीने से बिहार पुलिस प्रयासरत थी।
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जिस IPS अफसर आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के वारंट जारी किया था। वह करीब 7 महीने से फरार चल रहे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने IPS आदित्य कुमार की गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की पर रोक लगा दी है। कोर्ट 6 सप्ताह बाद इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी। दरअसल, पटना हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका की अर्जी खारिज होने के बाद IPS आदित्य कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, इस दौरान बिहार पुलिस IPS आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के पटना, गाजियाबाद और मेरठ समेत कई ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ट अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आदित्य कुमार की ओर से दलीलें दी। उन्होंने कहा कि जिस शराबबंदी केस में आदित्य कुमार पर कथित तौर पर बेइमानी से क्लीन चिट हासिल करने आरोप लगा था, उस केस को कुछ समय पहले बंद कर दिया गया।
पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। न्यायमूर्ति मुरारी की अगुवाई वाली पीठ ने निर्देश दिया कि “तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।” यानी निलंबित आईपीएस आदित्य कुमार की गिरफ्तारी फ़िलहाल नहीं हो सकती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि जिस शराबबंदी मामले में आदित्य कुमार ने कथित तौर पर बेइमानी से क्लीन चिट हासिल करने की कोशिश की थी, उसे कुछ समय पहले बंद कर दिया गया था।
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