Bombay High Court ‘Johnson & Johnson Baby Powder’ पर सख्ती, HC ने कहा है कि प्लांट में Baby Powder बना सकती है, लेकिन इसकी बिक्री की इजाजत नहीं होगी

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बाजार से सभी प्रोडक्ट स्टॉक से हटाने का निर्देश-

बॉम्बे हाईकोर्ट Bombay High Court ने Johnson & Johnson से कहा है कि वह अपने प्लांट में Baby Powder बना सकती है, लेकिन इसकी बिक्री की इजाजत नहीं होगी. बॉम्बे उच्च न्यायलय ने बुधवार को कहा कि कंपनी Baby Powder प्रोडक्शन अपने रिस्क पर करे परन्तु सेल पर पाबंदी रहेगी.

बॉम्बे उच्च न्यायलय ने ‘बेबी पाउडर जॉनसन एंड जॉनसन Baby Power Jonson & Jonson’ बनाने की इजाजत देने के साथ उसके सैंपल की जांच का आदेश दिया. दो हफ्ते के अंदर बेबी पाउडर के नमूनों की दोबारा जांच पूरी की जाएगी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एफडीए पाउडर का सैंपल ले और उसे दो सरकारी लेबोरेटरी और एक प्राइवेट लैब में री-टेस्टिंग के लिए भेजे.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड Johnson & Johnson Private Limited को महाराष्ट्र के मुलुंड प्लांट में बेबी पाउडर बनाने की अनुमति दे दी. लेकिन इसमें एक शर्त ये जोड़ी गई है कि कंपनी अपने रिस्क पर पाउडर बनाए. कंपनी को पाउडर बनाने की अनुमति तो मिल गई, लेकिन प्रोडक्ट की न बिक्री होगी और न ही डिस्ट्रिब्यूशन. ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food & Drug Authority) ने बिक्री और वितरण पर रोक लगा रखी है. अभी हाल में एफडीए ने जॉनसन एंड जॉनसन प्लांट के बेबी पाउडर बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया था. इसी के साथ कंपनी को प्रोडक्ट बाजार से वापस लेने का आदेश दिया था.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेबी पाउडर बनाने की इजाजत देने के साथ उसके सैंपल की जांच का आदेश दिया. दो हफ्ते के अंदर बेबी पाउडर के नमूनों की दोबारा जांच पूरी की जाएगी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एफडीए पाउडर का सैंपल ले और उसे दो सरकारी लेबोरेटरी और एक प्राइवेट लैब में री-टेस्टिंग के लिए भेजे. अभी हाल में महाराष्ट्र सरकार ने जनहित का हवाला देते हुए Johnson and Johnson के बेबी पाउडर पर रोक लगा दी थी. कंपनी के मुलुंड प्लांट से बेबी पाउडर से लिए सैंपल को ‘स्टैंडर्ड क्वालिटी’ का नहीं पाया गया था.

क्या है पूरा मामला-

दिसंबर 2018 में एफडीए ने एक औचक निरीक्षण किया था. इसमें जॉनसन एंड जॉनसन के पुणे और नासिक प्लांट में क्वालिटी चेकिंग की गई. मुलुंड प्लांट से लिए गए बेबी पाउडर के सैंपल को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया. 2019 में इस टेस्टिंग पर फैसला आया जिसमें कहा गया कि बच्चों के लिए यह स्किन पाउडर आईएस 5339:2004 के नियमों के मुताबिक नहीं है. इसके बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन कंपनी ने इस कार्रवाई को चुनौती दी और री-टेस्टिंग की फरियाद लगाई.

जॉनसन एंड जॉनसन को कारण बताओ नोटिस-

ड्रग्स एक्ट Drug Act के तहत जॉनसन एंड जॉनसन J&J से कारण बताओ नोटिस Show Cause Notice में पूछा गया था कि क्यों न कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाए. इसी के साथ बाजार से सभी प्रोडक्ट स्टॉक से हटाने का निर्देश दिया गया. जॉनसन एंड जॉनसन ने सरकार की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और इस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसमें यह भी मांग की गई थी कि बेबी पाउडर का सैंपल कोलकाता स्थित रेफरल सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी में भेजा जाए.

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अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मसले पर अपना फैसला सुनाया है. इसमें कहा गया है कि जॉनसन एंड जॉनसन महाराष्ट्र के मुलुंड प्लांट में बेबी पाउडर बना सकती है, लेकिन इसे अपने रिस्क पर बनाना होगा. हालांकि कंपनी के प्रोडक्ट को बेचने और वितरित करने की इजाजत नहीं दी गई है.

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