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प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के चक्र में कैसे फसें सोनिया राहुल, क्या है ये कानून और इसके अधिकार क्षेत्र, जाने विस्तार से –
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प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के चक्र में कैसे फसें सोनिया राहुल, क्या है ये कानून और इसके अधिकार क्षेत्र, जाने विस्तार से –

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत ED केंद्र सरकार की अकेली जांच एजेंसी है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में नेताओं और अफसरों पर मुकदमा चलाने के […]

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POCSO ACT: क्यों कब और कैसे बना बच्चों के यौन संरषण का हथियार, अब होगी फांसी की सजा, जाने विस्तार से-
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POCSO ACT: क्यों कब और कैसे बना बच्चों के यौन संरषण का हथियार, अब होगी फांसी की सजा, जाने विस्तार से-

साक्षी केस SAKSHI CASE के बाद से ही पोक्सो अधिनियम POCSO ACT की नीव पड़ी जब सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन अपराधों से निपटने में भारतीय दण्ड संहिता

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संविधान का अनुच्छेद 142 या सर्वोच्च न्यायालय का साधन जिसके दायरे और नियमों के तहत पेरारिवलन रिहा हुआ-
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संविधान का अनुच्छेद 142 या सर्वोच्च न्यायालय का साधन जिसके दायरे और नियमों के तहत पेरारिवलन रिहा हुआ-

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए कई न्यायिक निर्णयों के पश्चात् पुनः अनुच्छेद 142 की सार्थकता का मुद्दा उभर आया- भारत के सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने पूर्व प्रधानमंत्री

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सुप्रीम कोर्ट: वेश्यावृति अपराध नहीं एक पेशा, सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती-
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सुप्रीम कोर्ट: वेश्यावृति अपराध नहीं एक पेशा, सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती-

भारत के सर्वोच्च कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को अपराध नहीं वरन एक पेशा माना है। यह पहली बार है जब देश के शीर्ष अदालत की ओर से वेश्यावृत्ति को

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संविधान का ‘आर्टिकल 355’ क्या है? जिसे बंगाल में लागू करने की मांग हो रही है, ‘आर्टिकल 356’ यानी राष्ट्रपति शासन से अलग क्या है?
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संविधान का ‘आर्टिकल 355’ क्या है? जिसे बंगाल में लागू करने की मांग हो रही है, ‘आर्टिकल 356’ यानी राष्ट्रपति शासन से अलग क्या है?

आर्टिकल 355 राज्य की कानून व्यवस्था में केंद्र को दखल करने का अधिकार देता है- पश्चिम बंगाल के बीरभूम में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस ने राज्य में

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भारत के संविधान के अंतर्गत ‘प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता’ की संरक्षण की व्याख्या। क्या इसमें ‘जीविका का अधिकार’ भी शामिल है? लैंडमार्क वादों के डिटेल्स के साथ-
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भारत के संविधान के अंतर्गत ‘प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता’ की संरक्षण की व्याख्या। क्या इसमें ‘जीविका का अधिकार’ भी शामिल है? लैंडमार्क वादों के डिटेल्स के साथ-

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश काल समय और परिस्थिति के अनुसार इस अनुच्छेद का दायरा बढ़ता गया है। यह व्यक्तियों को प्राण और दैहिक

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‘मैरिटल बलात्कार’ धारा 376 और ‘दहेज प्रताड़ना कानून’ धारा 498A का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने के लिए हो रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई-
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‘मैरिटल बलात्कार’ धारा 376 और ‘दहेज प्रताड़ना कानून’ धारा 498A का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने के लिए हो रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई-

Misuse of IPC SEC 376 & 498A – भारतीय दंड संहिता की धारा 498 A विवाहिता स्त्रियों के साथ ससुराल में क्रूरता के मामले में लगाई जाती है।

‘मैरिटल बलात्कार’ धारा 376 और ‘दहेज प्रताड़ना कानून’ धारा 498A का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने के लिए हो रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई- Read Post »

हिजाब पर क्यों मचा है बवाल, जाने विस्तार से संविधान प्रदत्त अधिकारों, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के लैंडमार्क फैसलों के माध्यम से, विस्तार में-
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हिजाब पर क्यों मचा है बवाल, जाने विस्तार से संविधान प्रदत्त अधिकारों, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के लैंडमार्क फैसलों के माध्यम से, विस्तार में-

नियम अलग हैं और धर्म अलग। दोनों एक-दूसरे में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। कर्नाटक में हिजाब को लेकर आखिर घमासान क्यों- ताजा विवाद की शुरुआत इस साल की

हिजाब पर क्यों मचा है बवाल, जाने विस्तार से संविधान प्रदत्त अधिकारों, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के लैंडमार्क फैसलों के माध्यम से, विस्तार में- Read Post »

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