सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जजों की नियुक्तियों पर केंद्र ने माँगा समय, शीर्ष अदालत ने कहा- मान लीजिए चार नाम हैं और…

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जजों की नियुक्तियों पर केंद्र ने माँगा समय, शीर्ष अदालत ने कहा- मान लीजिए चार नाम हैं और…

उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिर चेताया है। कोर्ट ने कहा है कि हमें दिवाली से पहले कुछ और प्रगति दें ताकि इसे बेहतर तरीके से मनाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट अब नियुक्तियों की गति से संतुष्ट है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की सिफारिशों को दोहराने के बावजूद सरकार का बैठा रहना अभी भी चिंता का विषय है। ज्यादातर नियुक्तियां हो चुकी हैं लेकिन थोड़े और प्रयास की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर निर्णय लेने के लिए कोर्ट से दो सप्ताह की मोहलत मांगी है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि मान लीजिए अगर चार नाम हैं। आप तीन को सूचित करते हैं और एक को रोकते हैं तो ऐसा नहीं होना चाहिए।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर निर्णय लेने के लिए कोर्ट से दो सप्ताह की मोहलत मांगी है। कॉलेजियम की चिट्ठी में दोहराए गए पांच नाम, जजशिप के लिए अनुशंसित पांच नए नाम और हाई कोर्ट में 11 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिशें केंद्र के समक्ष लंबित हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि मान लीजिए अगर चार नाम हैं। आप तीन को सूचित करते हैं और एक को रोकते हैं तो ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि इसे कुछ लोगों ने स्वीकार कर लिया है और कुछ हताश होकर पीछे हट गए हैं। इस चक्कर में हमने कई अच्छे नाम खो दिए हैं। उनमें से कुछ में तो मुझे नहीं लगता कि सरकार के लिए ऐसे कोई गंभीर मुद्दे हैं जिन पर विचार नहीं करना चाहिए था।

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जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर के लिए केंद्र ने माँगा समय –

जब किसी को नियुक्त किया जाता है और किसी को नहीं या किसी को बाद में तो वरिष्ठता की पूरी अवधारणा गड़बड़ा जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए 2021 में अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने के लिए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की।

युवा अधिवक्ताओ को जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए-

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि युवा वकीलों से मुझे शिकायत यह है कि उन्हें जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। इस बात की भी सराहना करता हूं कि पिछले महीने में कुछ हलचल हुई है। हाल ही में मंजूरी दिए गए कुछ नामों को कुछ ही हफ्तों के भीतर नियुक्त किया गया है। यह एक सकारात्मक विकास है। मुझे पता है कि दिल्ली में उन्होंने सूचित किया था। सरकार ने दो सप्ताह पहले ही मंजूरी दे दी थी। मौजूदा प्रक्रिया अच्छी चल रही है लेकिन हमें अटकी हुई बातों को सुलझाना है।

अगली सुनवाई सात नवंबर 2023 को होगी।

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