Lumii 20220528 104318531

Delhi Highlighed Murder Case : सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के जमानत को रद्द कर निचली न्यायालय को दिया दैनिक सुनवाई का आदेश-

उच्चतम न्यायालय ने पीड़ित लड़के के अभिभावकों की अपील स्वीकार कर ली, जिसमें उन्होंने इस साल दो मार्च को आरोपी को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली जमानत को चुनौती दी थी। 

सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने दिल्ली उच्च न्यायालय Delhi High Court से मिले जमानत आदेश को खारिज कर दिया उच्चतम न्यायालय ने पूर्वी दिल्ली में 18 नवंबर 2014 को अपहरण के बाद हुई 13 वर्षीय लड़के की हत्या के आरोपी को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली जमानत मंगलवार को रद्द कर दी। शीर्ष अदालत ने साथ ही टिप्पणी की कि मामले की सुनवाई चल रही है और अहम गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है।

उच्चतम न्यायालय ने पीड़ित लड़के के अभिभावकों की अपील स्वीकार कर ली, जिसमें उन्होंने इस साल दो मार्च को आरोपी को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली जमानत को चुनौती दी थी।

उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने टिप्पणी की कि अभियोजन के मुताबिक लड़के का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था और बाद में उसका शव नाले से मिला।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, अहम पहलु जिसपर विचार किया जाना चाहिए था लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा ऐसा नहीं किया गया कि मामले के अहम गवाहों से अब भी पूछताछ की जानी है।’’

शीर्ष अदालत Supreme Court ने कहा कि अपीलकर्ता की आशंका है कि गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है और इसे ‘‘तथ्यविहीन’’ नहीं माना जा सकता।

बेंच ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए आरोपी को तुरंत आत्मसमर्पण Surrender करने का निर्देश दिया।

ALSO READ -  चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत देने के विवेक का प्रयोग केवल तब नहीं किया जाना चाहिए जब व्यक्ति अंतिम सांस ले रहा हो: दिल्ली हाईकोर्ट

पीठ ने रेखांकित किया कि मामले की सुनवाई वर्ष 2014 से लंबित है। इसके साथ ही न्यायालय ने निचली अदालत को तेजी से सुनवाई करने और हो सके तो दैनिक आधार पर करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने रेखांकित किया कि अबतक अभियोजन पक्ष के 11 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है।

उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत में अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के जरिये दायर अपील में उच्च न्यायालय द्वारा दो मार्च को आरोपी प्रताप सिंह सिसोदिया को दी गई नियमिति जमानत को चुनौती दी गई थी।

शीर्ष अदालत में दायर अर्जी में कहा गया, ‘‘सीसीटीवी कैमरे CCTV CAMERA में आरोपी और सह आरोपी स्कूटी के साथ कैद हुए हैं। अपहृत लड़के का शव 19 नवंबर 2014 को बरामद किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी।’’

पुलिस के मुताबिक पीड़ित का अपहरण 18 नवंबर 2014 को उस समय किया गया जब स्कूल कैब ने उसे घर के पास छोड़ा। पुलिस ने बताया कि पीड़ित का शव अगले दिन नाले से मिला।

पुलिस के मुताबिक आरोपी अभिनेता बनना चाहता था और वह अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त करने मुंबई भी गया था।

पूछताछ के दौरान प्रताप ने कथित तौर पर खुलासा किया था कि उसने साझेदारी में कॉलसेंटर खोला था। पुलिस के मुताबिक उसने बताया था कि साझेदार से हिस्सेदारी खरीद कॉलसेंटर का अकेला मालिक बनने के लिए उसे 20 लाख रुपये की जरूरत थी।

पुलिस ने दावा किया कि इसलिए प्रताप ने अपने दोस्त के साथ मिलकर साजिश रची जो खुद जल्द पैसा कमाकर दूसरा कारोबार करना चाहता था।

Translate »
Scroll to Top