डीएम जिले में राजस्व के मुखिया हैं राजस्व का काम देखें, खुद को गर्वनर न समझें, HC की सख्त टिप्पणी, जाने मामला विस्तार से…..

allahabad high court 141

इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने कहा है कि डीएम DM जिले में राजस्व के मुखिया हैं राजस्व का काम देखें, खुद को गर्वनर न समझें। कोर्ट ने कहा कि जिले में शिक्षा विभाग का मुखिया जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) होता है। वह विभाग के उच्चाधिकारियों और शिक्षा मंत्री के प्रति जवाबदेह है, डीएम के प्रति नहीं।

उक्त सख्त टिप्पणी न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने प्रमोद कुमार मिश्रा की ओर से प्रतापगढ़ के मुनीश्वरदत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की शुरू हुई चयन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की।

HC ने डीएम प्रतापगढ़ से 24 घंटे में व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है।

संक्षिप्त तथ्य-

प्रस्तुत मामला प्रतापगढ़ स्थित मुनीश्वरदत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया का है। याची के अधिवक्ता सुरेश कुमार मौर्य ने बताया कि विद्यालय एडेड महाविद्यालय है। प्रबंधन ने तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती गुमनाम समाचार पत्रों में प्रकाशित कर शुरू कर दी गई। भर्ती की जानकारी ज्यादातर अभ्यर्थियों को नहीं हो सकी। इसकी जानकारी होने पर अभ्यर्थियों ने इस चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत जिलाधिकारी प्रतापगढ़ से की, जिस पर डीएम ने डीआईओएस प्रतापगढ़ को मामले में नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने कहा-

“जिलाधिकारी को यह ध्यान में रखना होगा कि वह जिले के राजस्व प्रमुख है, न कि जिले के गवर्नर। “

कोर्ट ने ये भी कहा-

“(वह) शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों जैसे शिक्षा उप निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, निदेशक शिक्षा विभाग के प्रति जवाबदेह है। शिक्षा विभाग में जिला मजिस्ट्रेट को पदानुक्रम में कहीं शामिल नहीं किया गया है।”

ALSO READ -  Supreme Court ने माना कि भरण-पोषण का अधिकार संविधान के Article 21 के तहत सम्मान और भरण-पोषण के अधिकार का विस्तार है

सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के इस आदेश को देख कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया। खफा कोर्ट ने जिलाधिकारी प्रतापगढ़ से 24 घंटे में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के मामले में उन्होंने किस अधिकार के तहत हस्तक्षेप किया और डीआईओएस से आख्या तलब की है। कोर्ट ने कहा कि डीआईओएस शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों और विभागीय मंत्री के प्रति जवाबदेह हैं, तो डीएम ने किस अधिकार से डीआईओएस से आख्या तलब की है।

कोर्ट ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि डीएम अपनी सीमा में रह कर काम करें। किसी भी मामले में हस्तक्षेप करते वक्त वह यह न भूलें कि वह राजस्व के मुखिया हैं गवर्नर नहीं। प्रोटोकाल के मुताबिक वरीयता क्रम में उनका कोई स्थान नहीं है।

Translate »