केरल हाई कोर्ट Kerala High Court ने संबंधित पुलिस अधीक्षक को याचि द्वारा की गई शिकायत को शीघ्रता से हल करने का निर्देश दिया, जिसे फ्लिपकार्ट Flipkart से गलत लैपटॉप Laptop प्राप्त किया था।
क्या है मामला-
याचिकाकर्ता ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट Online Platform Flipkart के से एसर एस्पायर लैपटॉप 7 कोर i5 के स्पेसिफिकेशन के साथ लगभग रुपये 54,000 के लैपटॉप का ऑर्डर दिया था, जो फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड FLIPKART INTERNET PRIVATE LIMITED द्वारा संचालित एक ई-कॉमर्स बिज़नेस पोर्टल e Commerce Business Portal है। उक्त लैपटॉप टेक-कनेक्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नामक विक्रेता द्वारा बेचा जा रहा था।
हालांकि, शिकायतकर्ता को जो उत्पाद मिला वह आई-लाइफ डिजिटल I-LIFE Digital नामक कंपनी का लैपटॉप था, जिसकी कीमत केवल 35,000 रुपए है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने देखा कि फ्लिपकार्ट द्वारा उसे दिए गए टैक्स इनवॉइस Tax Invoice के अनुसार, उसे जो लैपटॉप Laptop भेजा गया है, वह एसर एस्पायर acer ASPIRE है, जिसे उसने मूल रूप से ऑर्डर किया था। फिर भी टैक्स इनवॉइस TAX INVOICE पर दिया गया सीरियल नंबर उस सस्ते लैपटॉप का था, जो उसे मिला था। इसलिए, यह आरोप लगाया गया कि टेक-कनेक्ट रिटेल ने याचिकाकर्ता को धोखा देने के इरादे से जानबूझकर गलत उत्पाद भेजा।
इस संदर्भ में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि विक्रेता टेक-कनेक्ट ने याचिकाकर्ता को धोखा FRAUD देने के लिए जानबूझकर गलत उत्पाद भेजा था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट ने उन्हें धोखा देने के लिए विक्रेता के साथ साजिश रची।
याची के अनुसार, फ्लिपकार्ट Flipkart के एमडी ने उन्हें आश्वासन दिया कि विक्रेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और याचिकाकर्ता से भी अनुमति ली थी, लेकिन जब कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो याचिकाकर्ता ने पुलिस से संपर्क किया।
शिकायतकर्ता ने कहा की फ्लिपकार्ट FLIPKART और टेक-कनेक्ट रिटेल ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 415, 417, 420 और 120 बी के तहत दंडनीय अपराध किया है।
याचिकाकर्ता का यह मामला है कि पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय KERALA HIGH COURT का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति ज़ियाद रहमान एए की पीठ ने संबंधित पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि वह पुलिस अधिकारियों को याचिकाकर्ता की शिकायत का जल्द से जल्द निवारण करने के निर्देश जारी करें।
अदालत ने पुलिस प्रमुख को आगे निर्देश दिया कि एक महीने के भीतर उचित निर्णय लिया जाए और तत्काल याचिका का निपटारा करने के लिए आगे बढ़े।
केस टाइटल – एबी थॉमस बनाम पुलिस महानिदेशक और अन्य
केस नंबर – डब्ल्यूपी सीआरएल 419/2021