Supreme Court (उच्चतम न्यायालय) ने गुरुवार को कहा कि वह Future Reliance Deal (फ्यूचर-रिलायंस सौदे) को लेकर 20 जुलाई को Delhi HighCourt (दिल्ली उच्च न्यायालय) के फैसले के खिलाफ Amazon (अमेजन) की याचिका पर सुनवाई करेगा।
Amazon (अमेजन) ने आठ अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें किशोर बियाणी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ किये गये 24,713 करोड़ रुपये के संपत्ति बिक्री सौदे पर लगायी गयी रोक को हटा दिया गया था।
इससे पहले, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने उच्च न्यायालय में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। एकल न्यायाधीश की पीठ ने सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था जिसमें एफआरएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर कदम बढ़ाने से मना किया गया था।
Future Group (फ्यूचर समूह) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ को बताया कि सिंगापुर की अदालत में 12 जुलाई से इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू होगी और अनुरोध किया कि इसलिए अपील पर कार्यवाही एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी जाए।
अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि अपील पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित किए जाने पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
इसके बाद पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से विलय पर अंतिम आदेश पारित नहीं करने को कहा था।
Future Group (फ्यूचर समूह) ने Reliance (रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के लिए नियामकीय मंजूरी के लिए न्यायाधिकरण का रुख किया था।
उल्लेखनीय है कि अमेजन और फ्यूचर समूह के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। अमेरिकी कंपनी ने फ्यूचर समूह के खिलाफ सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण में मामला दर्ज किया। उसकी दलील है कि भारतीय कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर अनुबंध का उल्लंघन किया है।