Supreme Court ने कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के UP Govt. के फैसले का संज्ञान लिया, केंद्र एवं राज्यों को नोटिस

Supreme Court ने कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के UP Govt. के फैसले का संज्ञान लिया, केंद्र एवं राज्यों को नोटिस

Supreme Court (उच्चतम न्यायालय) ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के UP Govt. (उत्तर प्रदेश सरकार) के ‘‘चिंतित करने वाले’’ फैसले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से इस मामले पर जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 को रोकने की दिशा में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।

पीठ ने कहा कि 25 जुलाई से धार्मिक यात्रा शुरू करने की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद लोग हैरान हैं।

Supreme Court ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नोटिस जारी किए और मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया।

पीठ ने कहा कि उसने यह ‘‘परेशान करने वाली’’ खबर पढ़ी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कावड़ यात्रा की अनुमति देने का फैसला किया है, जबकि उत्तराखंड ने दूरदर्शिता दिखाते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।

पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि संबंधित सरकारों का क्या रुख है। भारत के नागरिक पूरी तरह हैरान हैं।

उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है और यह तब हो रहा है, जब प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की तीसरी लहर के देश में आने के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि ‘हम कतई समझौता नहीं कर सकते’।’’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर रहे हैं। यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वे जल्द जवाब दायर करें ताकि मामले की सुनवाई शुक्रवार को हो सके।’’

ALSO READ -  सुप्रीम कोर्ट कलेजियम ने सात अतिरिक्त न्यायाधीश को स्थायी करने की सिफारिश, कलकत्ता हाई कोर्ट के पांच जज शामिल

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का खतरा जताए जाने के बावजूद 25 जुलाई से यात्रा की मंगलवार को अनुमति दे दी।

उत्तराखंड सरकार ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है।

Translate »
Scroll to Top