इलाहाबाद उच्च न्यायलय लखनऊ बेंच ने नाबालिग को जबरन इस्लाम कबूल कराने और निकाह करने के लिए मजबूर करने वाले आरोपी की जमानत खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने पाया कि आरोपी-आवेदक ने न केवल अपनी पत्नी और परिवार के साथ विश्वासघात किया, बल्कि एक युवा लड़की के विश्वास का भी उल्लंघन किया, जिसे उस पर विश्वास था।
आरोपी-आवेदक एक मुस्लिम व्यक्ति है जो शादीशुदा है। उसने सोशल मीडिया पर पीड़िता से अपना परिचय ‘राज’ के रूप में कराया और उसके झूठे प्रेम जाल में फंस गया।
अभियोजन पक्ष ने चिकित्सा आयु 16-17 वर्ष निर्धारित की गई थी, और उसकी आयु शैक्षिक प्रशंसापत्र के आधार पर 16 वर्ष निर्धारित की गई थी।
आरोपी-आवेदक पर आईपीसी की धारा 363, 366, और 376 के साथ-साथ पोक्सो अधिनियम की धारा 3/5 के तहत दंडनीय अपराध का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट ने आरोपी-धोखा देने वाले आवेदक की वैवाहिक स्थिति और आस्था को छिपाने सहित सभी तथ्यों पर विचार किया।
केस टाइटल – अनवर अली बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश व् अन्य
केस नंबर – CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. – 315 of 2021
कोरम – न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह