हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि याची ने शादी का झांसा देकर संबंध नहीं बनाए। उसने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया है। इस आधार पर याची जमानत पाने का हकदार हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने शादी का झांसा देकर 4 साल तक 3 बच्चों की विधवा से अवैध संबंध कायम रख शादी से इंकार करने के आरोपी की सशर्त जमानत स्वीकार कर ली है। 21 अगस्त 22 से जेल में बंद मऊ के एखलाक अहमद को व्यक्तिगत मुचलके व 2 प्रतिभूति लेकर रिहा करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि याची ने शादी का झांसा देकर संबंध नहीं बनाए। उसने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया है। इस आधार पर याची जमानत पाने का हकदार हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने एखलाक अहमद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में पीड़िता बालिग विधवा है। 3 बच्चों की मां है। 4 साल पहले रिश्तेदार की शादी में गई थी। जहां याची ने शादी करने का आश्वासन दिया और सहमति से 4 साल तक शारीरिक संबंध कायम रखे। इसी दौरान गर्भवती भी हो गई और शादी से इंकार कर दिया। धारा 156 (3) में अर्जी देकर कोतवाली मऊ में दुष्कर्म के आरोप में FIR दर्ज कराई गई।
याची का कहना था उसने धोखा नहीं दिया। सहमति से संबंध बने हैं और पीड़िता ने अभियोजन का समर्थन नहीं किया है। उसे पक्षद्रोही गवाह करार दिया गया है। जिस पर कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली।