वकील के आत्मदाह के विरोध में आज शुक्रवार को चौमूं शहर में बार एसोसिएशन ने भष्ट्राचारी एसडीएम राकेश कुमार और खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा का पुतला फूंका। वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। खंडेला थाना अधिकारी और एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है।
खंडेला कस्बे के अधिवक्ता हंसराज मावलिया Advocate Hansraj Mavliya (40) ने गुरुवार को एसडीएम कोर्ट SDM Court ऑफिस में खुद को आग लगा ली । आज जयपुर में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार की बात कही Lawyer alleges Sikar SDM Of harassment है। इस पूरे प्रकरण को लेकर वकीलों में गुस्सा है। आज अधिवक्ता संघ ने जिले भर में कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है। राजस्थान हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है।
बार एसोसिएशन की मांग-
राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार सदस्यों को अनौपचारिक रूप से और स्वेच्छा से न्यायिक कार्य से दूर रहने को कहा गया है और इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन को भी जानकारी दी गई है। बार एसोसिएशन की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए। वहीं डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा करते हुए पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की है।
एसडीएम राकेश कुमार पर था उत्पीड़न का आरोप-
अधिवक्ता हसराज मावलिया का आरोप था कि एक मामले में SDM राकेश कुमार महोदय सुनवाई नहीं कर रहे हैं और मामला भ्रष्टाचार से लिप्त हो उसका उत्पीड़न कर रहे है। अपने स्वयं के मुकदमे में रिवेन्यू कोर्ट खंडेला एसडीएम एवं अन्य व्यक्तियों पर के आरोप लगा कर पीड़ित वकील ने आत्मदाह का प्रयास किया था। एसडीएम कोर्ट के सामने 9 जून 2022 की दोपहर वकील हंसराज मावलिया ने खुद पर ही पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी। बाद में एसडीएम को जलाने के लिए कमरे में घुसकर उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की। बड़ी मुश्किल से नजदीकी लोगों की मदद से उन्होंने उसे दूर किया। बाद में आग बुझाकर साथी अधिवक्ताओ ने झुलसे वकील Sikar lawyer self immolates को सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया था। वहां बर्न यूनिट में इलाज के दौरान अधिवक्ता की मौत हो गई।
उत्पीड़ित वकील थैली में लाया था पेट्रोल, एसडीएम के आते ही लगाई आग-
प्राप्त जानकारी के अनुसार वकील हंसराज मावलिया एक थैली में पेट्रोल भरकर लाया था। उसके पास एक शीशी में जहरीला पदार्थ भी था। काफी देर वो बाहर इंतजार करता रहा। बाद में जैसे ही एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो कुछ देर में ही ऑफिस में घुसकर उसने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगी ली। फिर वो एसडीएम कक्ष में पहुंच गया। वो एसडीएम को पकड़ने लगा। एसडीएम ने शोर मचाया तो लोगों ने बीच बचाव कर आग बुझाई।
खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा पर भी लगाया था आरोप-
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के एक चिकित्सक ने बृहस्पतिवार शाम को उपचार के दौरान वकील की मौत होने की पुष्टि की। पीटीआई की खबर के मुताबिक अधिवक्ता हंसराज मवालिया (40) के बैग से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने अपनी मौत के पीछे एसडीएम राकेश कुमार और खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा के नाम का जिक्र किया है। अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि एसडीएम अदालत में हर सुनवाई के लिये उन्हें रिश्वत के लिये परेशान किया जा रहा था और पैसा नहीं देने पर नोटिस जारी किया जाता था। सुसाइड नोट में वकील ने खंडेला थानाधिकारी पर एसडीएम के खिलाफ कुछ भी बोलने पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है।