3500 करोड़ रुपये के चर्चित बाइक बोट घोटाले में शीर्ष अदालत ने कारोबारी दिनेश को 10 करोड़ के निजी मुचलके पर दी जमानत, विदेश जाने पर लगाई रोक-

Estimated read time 1 min read

एक व्यक्ति से एक मुश्त 62200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था-

2.25 लाख निवेशकों से ठगी करने का आरोप-

3500 करोड़ रुपये के चर्चित बाइक बोट घोटाले : नोएडा के 3500 करोड़ रुपये के चर्चित बाइक बोट घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी दिनेश पांडेय की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी दिनेश पांडेय को 10 करोड़ रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी कारोबारी दिनेश पांडेय को निर्देश देते हुए कहा कि वह पुलिस अधिकारी की पूछताछ में सहयोग करेंगे और बिना कोर्ट की इजाजत के वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे.

साल 2017 में बाइक बोट का प्रकरण शुरू हुआ तो दिनेश पांडेय और संजय भाटी तथा बिजेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मिलकर अलग-अलग कंपनियों व संपत्तियों में पैसा निवेश किया.

गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड (बाइक बोट कंपनी) और इंडिपेंडेंट टीवी से उसकी कंपनी में लगभग 150 करोड़ रुपये आए थे. उन पैसों का जब हिसाब पूछा गया तो लगभग 60 करोड़ रुपये ही गर्वित और इंडिपेंडेंट टीवी को वापस करने हैं तथा शेष बची धनराशि को दिनेश पांडेय ने जमीन जायदाद खरीदने और यूनिवर्सिटी व ट्रस्ट बनाने में निवेश किया है.

जानकारी हो की ग्रेटर नोएडा स्थित बाइक बॉट टैक्सी सेवा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से ठगी करने का आरोप है. ग्रेटर नोएडा में गर्वित इनोवेटिव प्रोमोटर्स लिमिटेड (GIPL) कंपनी बहुस्तरीय मार्केटिंग योजना बाइक बॉट लेकर आई तथा निवेशकों को एक साल में दोगुना पैसा देने का लालच दिया.

ALSO READ -  सेवा बर्खास्तगी पर ग्रेच्युटी की जब्ती स्वतः नहीं, प्रभावित पक्ष को कारण बताओ नोटिस देना जरूरी

जहाँ नॉएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाला मामले में ग्रैंड वेनिस मॉल के मालिक सुरेंद्र सिंह भसीन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. फर्जीवाड़े के इस मामले में सुरेंद्र सिंह भसीन पर 98 करोड़ रुपये के लेन-देन करने का आरोप है. इस केस की जांच आर्थिक अनुसंधान शाखा (EOW) की टीम कर रही है. इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड (GIPL) नाम से फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले मुख्य अभियुक्त संजय भाटी और उसके अन्य साथियों के खिलाफ जून में थाना दादरी में एफआईआर दर्ज की गई थी. गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की. घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी को भी गैंगस्टर के तहत आरोपी बनाया गया.

साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था.

You May Also Like