वकीलों को झूठे केस में फंसाकर ‘ब्लैकमेल कर धनउगाही’ करने वाले गैंग की जांच पूरी करने का निर्देश, सीबीआइ डायरेक्टर को भी पक्षकार बनाने का दिया आदेश

वकीलों को झूठे केस में फंसाकर ‘ब्लैकमेल कर धनउगाही’ करने वाले गैंग की जांच पूरी करने का निर्देश, सीबीआइ डायरेक्टर को भी पक्षकार बनाने का दिया आदेश

सीबीआइ को जांच पूरी करने का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 30 जनवरी 2024 नियत की

इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रयागराज ने वकीलों को झूठे केस में फंसाकर ब्लैकमेल कर धनउगाही में विचाराधीन याचिका में सीबीआइ डायरेक्टर को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मामले की प्रारंभिक जांच कर रही सीबीआइ को जांच पूरी करने का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 30 जनवरी 2024 नियत की है। कोर्ट में उपस्थित सीबीआइ (क्राइम ब्रांच) लखनऊ के डिप्टी एसपी हरजीत सिंह सचान को अगली तिथि पर भी हाजिर रहने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी ने निक्की देवी की धारा 482 के तहत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट में अधिवक्ता राजेश कुमार गौतम, मुजीब अहमद सिद्दीकी व मुशीर अहमद सिद्दीकी ने गैंग लीडर रोशन जहां सिद्दीकी के खिलाफ जांच की मांग में अर्जी दी।

शिकायत पर बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ने रोशनजहां सिद्दीकी का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और दस वर्ष के लिए देश में वकालत करने पर रोक लगा दी है। याचियों का कहना था कि गौतम ने कोरोना के समय रोशनजहां को दस हजार नकद व 15 हजार यूपीआई के माध्यम से दिया था। वापस मांगा तो फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी।

4 राज्यों से जुड़े हैं तार-

कोर्ट में अधिवक्ता राजेश कुमार गौतम, मुजीब अहमद सिद्दीकी व मुशीर अहमद सिद्दीकी ने गैंग लीडर रोशन जहां सिद्दीकी के खिलाफ जांच की मांग में अर्जी दी। कहा कि गैंग के गुर्गे दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र से हैं। शिकायत पर बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ने रोशनजहां सिद्दीकी का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और 10 साल के लिए देश में वकालत करने पर रोक लगा दी है।

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याचियों का कहना था कि गौतम ने कोरोना के समय रोशनजहां को 10 हजार नकद व 15 हजार यूपीआई के माध्यम से दिया था। वापस मांगा तो फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। प्रयागराज के कैंट थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई है। काउंटर में तीन माह बाद रोशनजहां ने भी कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसकी भी जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग की गई।

इस पर कोर्ट ने कहा बार काउंसिल ने कार्रवाई की है। याची ट्रायल कोर्ट में कंटेस्टेंट कर सकते हैं। अलग से आदेश की जरूरत नहीं है।

सीबीआइ के अधिवक्ता संजय यादव ने बताया कि थाना हनुमानगंज, कुशीनगर के आरपीएल श्रीवास्तव व सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव मामले की प्रारंभिक जांच सीबीआइ ने पूरी कर ली है। शेष की जांच पूरी करने के लिए समय मांगा।

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