Journalist Rajdev Ranjan Murder Case – मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट Special Court के जज पुनीत कुमार गर्ग के समक्ष एक महिला ने आवाज लगाई हुजूर, मैं जिंदा हूं। मैं मरी नहीं हूं जबकि सीबीआई ने मुझे मृत घोषित कर दिया है। मैं अब भी सीवान के कसेरा टोला स्थित घर में रहती हूं।
सीवान में हिंदुस्तान अखबार के 42 वर्षीय ब्यूरो प्रमुख रंजन की 13 मई 2016 को सीवान शहर के एक व्यस्त फल बाजार में हत्या कर दी गई थी। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड Journalist Rajdev Ranjan Murder Case में गवाह बदामी देवी ने कोर्ट में उपस्थित होकर खुद के जीवित होने की दलील दी। सीबीआई की रिपोर्ट में मृत घोषित कर दी गई 75 वर्षीया बदामी देवी को कोर्ट रूम में देखकर सभी भौंचक रह गए।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आधार व पैन कार्ड के साथ वह मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग के समक्ष उपस्थित हुई। खुद के जीवित होने के साक्ष्य के तौर पर लिखित रूप से अर्जी भी दाखिल की। इसपर उसके अंगूठे का निशान व तस्वीर लगी थी। अर्जी में महिला ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी ने उससे संपर्क नहीं किया और मृत घोषित कर दिया। उसे मृत घोषित किए जाने की जानकारी समाचार पत्रों से मिली। यह बड़ी साजिश है। इसपर कोर्ट ने सीबीआई से स्पष्टीकरण किया है। अगली सुनवाई के लिए 20 जून की तिथि निर्धारित की है। उस दिन सीबीआई स्पष्टीकरण दे सकती है।
वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद कुमार सिन्हा ने सीबीआई CBI पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीबीआई कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। मालूम हो कि हत्याकांड में बदामी देवी का बयान अहम है। उसका एक रिश्तेदार इस केस में जेल में बंद है। बदामी के जमीन विवाद से आरोपितों के नाम जुड़े हैं।
24 मई को मौत के संबंध में सीबीआई ने दाखिल की थी रिपोर्ट-
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड Journalist Rajdev Ranjan Murder Case में सुनवाई के दौरान बीते 24 मई को सीबीआई के इंस्पेक्टर गौरव मिश्रा ने विशेष कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि गवाह बदामी देवी की मौत हो चुकी है। इस संबंध में उसके घर व रिश्तेदारों से सत्यापन किया गया। इसके अलावा सीबीआई ने अर्जी में एक अन्य गवाह सकलदेव सिंह का पुन: बयान कराने के लिए अनुमति देने की मांग की थी। 13 मई 2016 को सीवान के स्टेशन रोड में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की गई थी। सीबीआई ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन समेत आठ के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
बचाव पक्ष के वकील ने दाखिल की अर्जी-
जीवित महिला के मृत होने की रिपोर्ट देने से सीबीआई की फजीहत हुई। इस संबंध में बचाव पक्ष की ओर से वकील शरद सिन्हा ने अर्जी दाखिल की। इसमें उन्होंने कहा कि देश की एक बड़ी जांच एजेंसी की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कोर्ट से संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की। कहा कि इससे पूर्व भी सीबीआई द्वारा लापरवाही बरती गई है। बयान दे चुके गवाह को पुन: बयान दर्ज कराने के लिए सीबीआई ने अर्जी दाखिल की थी।
डॉक्टर के साथ दो गवाहों पर वारंट-
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड Journalist Rajdev Ranjan Murder Case में लंबे समय से गवाही के लिए हाजिर नहीं होने पर विशेष कोर्ट ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ. राकेश सक्सेना व सीवान के पचरुखी निवासी गौरी शंकर बैठा पर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है।
अदालत में पेश हुए एक गवाह की झूठी मृत्यु सत्यापन रिपोर्ट जमा करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI को कारण बताओ नोटिस SHOW CAUSE NOTICE जारी किया है। सीबीआई CBI की ओर से विशेष कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। दोनों का बयान 20 जून को दर्ज हो सकता है। इस केस में अबतक तीस गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं।