राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरूण भंसाली ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति का पदभार ग्रहण कर लिया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यहां मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष में आयोजित एक सादे समारोह में शपथ दिलाई। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आज इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची थीं और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

21 नवंबर, 2023 को न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की सेवानिवृत्ति के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद खाली हो गया था।

15 अक्टूबर, 1967 को जन्मे न्यायमूर्ति भंसाली ने 8 जुलाई, 1989 को एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराया। इसके बाद, उन्हें 8 जनवरी, 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले, उन्होंने जोधपुर में उच्च न्यायालय में कर, कॉर्पोरेट कानून, नागरिक कानून और संवैधानिक मुद्दों सहित विभिन्न कानूनी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया।

11 वर्षों में हैं 1230 रिपोर्टेड महत्वपूर्ण निर्णय-

मुख्य न्यायमूर्ति भंसाली 15 अक्तूबर 1967 को हुआ था। इसके बाद उन्होंने आठ जुलाई 1989 को अपनी वकालत की शुरूआत की। आठ जनवरी 2013 को वह राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने। वह टैक्स, कॉरपोरेट, सिविल और संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार हैं। अपने 11 साल के न्यायिक कार्यकाल में 1230 रिपोर्टेड जजमेंट दिए हैं।

प्रयागराज के प्रभारी मंत्री व जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। समारोह इलाहाबाद हाईकोर्ट में आयोजित हुआ। शपथ ग्रहण समारोह में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमके गुप्ता, एमसी त्रिपाठी, अजंनी कुमार मिश्रा, वीके बिरला, सिद्धार्थ वर्मा, राहुल चतुर्वेदी, एसडी सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक सिंह, महासचिव नितीन शर्मा सहित बड़ी संख्या में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति, वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ अधिकारी समेत अन्य न्यायाधीश व अधिवक्तागण भी शामिल रहे।

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