पटना हाई कोर्ट ने थानेदारों को 21 लाख धोखाधड़ी मामले में दी चेतावनी, कहा साइबर क्राइम का केस दर्ज नहीं किया तो होगी कार्रवाई-

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नोटिस में थानेदार से पूछा गया है कि सूचना देने के बावजूद थाने में प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के टेलीकाम विभाग के सचिव के जरिए प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है।

Cyber Crime साइबर अपराध के बढ़ते मामले और पुलिस विभाग की इस मामले में दिख रही लापरवाही पर Patna High Court पटना हाइकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।

साइबर क्राइम से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर साइबर क्राइम के मामले दर्ज करने में थाना प्रभारी ना नुकुर करेंगे करेंगे तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी।

न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने शिव कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति संदीप कुमार की खंडपीठ ने कदमकुआं पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी की कार्रवाई को अदालत के 21 फरवरी के आदेश के मद्देनजर अवमानना कहा, जिसमें अदालत ने विशेष रूप से आदेश दिया कि इस प्रकार के मामले में पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी एफआईआर दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकते हैं।

कोर्ट ने 23 जुलाई से 24 अगस्त 2021 के बीच पंजाब नेशनल बैंक के अनीसाबाद शाखा से जुड़े मामले में एसपी (पश्चिम) को जांच रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है। पूछा है कि इस मामले की जांच में क्या प्रगति हुई है। राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय को इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक देने का निर्देश दिया गया।

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि कदमकुआं पुलिस स्टेशन द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने की कार्रवाई ललिता कुमारी बनाम यूपी राज्य (2014) 2 एससीसी 1 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का भी उल्लंघन है।

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कोर्ट ने एक अधिवक्ता के खाते से धोखाधड़ी कर पैसे निकालने के मामले में केस दर्ज नहीं करने पर रूपसपुर थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया है। नोटिस में थानेदार से पूछा गया है कि सूचना देने के बावजूद थाने में प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई। कोर्ट ने केंद्र सरकार के टेलीकाम विभाग के सचिव के जरिए प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता राजेश रंजन ने कोर्ट में एयरटेल और वोडाफोन का पक्ष रखा। अधिवक्ता रत्नाकर पांडेय रिलायंस जियो की ओर से कोर्ट में उपस्थित हुए. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट को बताया गया कि फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड लेने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई जा रही है, लेकिन कुछ थानों में केस दर्ज कराने में दिक्कतें आ रही हैं।

अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।

केस टाइटल – Shiv Kumar Vs State of Bihar & other
केस नंबर – CRIMINAL MISCELLANEOUS No.38807 of 2020
कोरम – Justice Sunil Kumar

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