दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में कहा था कि Article 22(5) अनुच्छेद 22(5) के तहत जरूरी है कि व्यक्ति को उसके Constitutional Rights मौलिक अधिकारों के बारे में उसी भाषा में जानकारी दी जाए वह उसके द्वारा अच्छी तरह समझी जाती हो।
Supreme Court सर्वोच्च न्यायालय में हैदराबाद के एक तेलुगु भाषी व्यक्ति ने याचिका देकर पूछा है क्या हिंदी राष्ट्रीय भाषा है?
उसके इसी सवाल पर Bombay High Court बॉम्बे हाईकोर्ट ने हां में जवाब देते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
याचिकाकर्ता की दलील थी कि एंटी नारकोटिक्स सेल ने उसे उसके अधिकारों के बारे में हिंदी में बताया जबकि वह सिर्फ तेलुगु जानता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए तर्क दिया था कि टूर और ट्रैवल का कारोबार करने वाले को राष्ट्रीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए।
हैदराबाद के गंगम सुधीर कुमार रेड्डी का टूर और ट्रैवल का कारोबार है। एंटी नारकोटिक्स सेल Anti Narcotics Cell ने उसे मुंबई से गिरफ्तार किया था। उसकी कार में पर्याप्त मात्रा में कोन्ट्राबैंड बरामद हुई थी। एंटी नारकोटिक्स सेल ने उसके वैधानिक अधिकारों के बारे में हिंदी में बताया। जबकि रेड्डी को सिर्फ तेलुगु ही समझ आती है। रेड्डी ने Bail जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी।
वहां एंटी नारकोटिक्स सेल ने कोर्ट को बताया कि उसे एक राष्ट्रीय भाषा में ही पूरी जानकारी दी गई थी। रेड्डी की दलील थी कि उसके मामले में NDPS Act Sec 50 एनडीपीएस कानून की धारा 50 का पालन नहीं हुआ।
Bombay High Court बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि, आपने बताया है कि आपका टूर और ट्रैवल का काम है। इसके लिए जरूरी है कि आप राष्ट्रीय भाषाओं की समझ रखते हों। Hindi हिंदी एक National Langues राष्ट्रीय भाषा है इसलिए हम आपको राहत नहीं दे सकते।
Delhi High Court दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में कहा था कि Article 22(5) अनुच्छेद 22(5) के तहत जरूरी है कि व्यक्ति को उसके Constitutional Rights मौलिक अधिकारों के बारे में उसी भाषा में जानकारी दी जाए वह उसके द्वारा अच्छी तरह समझी जाती हो।