“पीआईएल मैन” अधिवक्ता राजीव कुमार को रविवार को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में हुई। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी वकील राजीव कुमार की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन और शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से संबंधित दो जनहित याचिकाओं में एक याचिकाकर्ता वकील राजीव कुमार को रविवार को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में हुई । कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
पुलिस ने बताया कि उन्हें रविवार को हैरिसन स्ट्रीट स्थित बिजनेस कॉम्प्लेक्स से गिरफ्तार किया है।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि पुलिस कुमार के संभावित साथियों की भी तलाश कर रही है। झारखंड में “पीआईएल मैन” के रूप में जाने जाने वाले अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाल ही में एक याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा की ओर से तीन जनहित याचिकाएं दायर की थीं। उनमें से एक ने सोरेन पर खनन विभाग को संभालने के दौरान खुद को खनन पट्टा देने का आरोप लगाया। दूसरी में कहा कि सोरेन कथित तौर पर शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े थे – इनकी जांच वर्तमान में ईडी द्वारा की जा रही है।
राजीव कुमार एक जनहित याचिका में भी वकील हैं, जिसमें मनरेगा में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण ईडी ने झारखंड खनन सचिव पूजा सिंघल और सोरेन के सहयोगी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था। फरवरी में दायर खनन जनहित याचिका में अधिवक्ता राजीव कुमार ने सुरक्षा की मांग करते हुए एक अतिरिक्त याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें निरंतर धमकी दी जा रही है। हालांकि, महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था कि याचिका झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को “बदनाम” करने के लिए दायर की गई थी।
जनहित याचिका सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जनहित याचिका की वैधता पर तर्क दिया था क्योंकि याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के पिता हेमंत सोरेन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के खिलाफ एक मामले में गवाह थे।
हेमंत सोरेन के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने जनहित याचिका को “दुर्भावनापूर्ण” बताया था। खनन जनहित याचिका के जवाब में हेमन सोरेन ने प्रस्तुत किया था कि आरोप भाजपा द्वारा दायर एक अन्य याचिका के समान थे, और यह कि “दोनों समान हैं और ये एक ही व्यक्ति का काम है।
इधर, हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य से अलग रहे। यह निर्णय एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाईकोर्ट की आपात बैठक में लिया गया। हाईकोर्ट के अधिवक्ता सोमवार सुबह आम दिनों की तरह कोर्ट पहुंचे, लेकिन काम से दूरी बनाकर रखा। अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता ने झारखंड हाईकोर्ट में हैवियस कॉरपस फाइल किया है। उन्होंने कहा है कि उनके बेटे को गलत तरीके से फंसाकर गिरफ्तार किया गया है। इसलिए हाईकोर्ट में राजीव कुमार की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए।