लठैत की तरह काम न करे पुलिस, मकान ध्वस्तीकरण मामले में उच्च न्यायलय ने की टिप्पणी-

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इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने डिक्री के निष्पादन से पहले एसडीएम SDM के आदेश पर एक परिवार को बेदखल कर मकान ध्वस्त करने को गम्भीरता से लिया है। साथ ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस लठैत की तरह काम न करे।

न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने यह आदेश मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील पर सुनवाई के दौरान दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि पहले तो मजिस्ट्रेट ने दीवानी अदालत की शक्ति को मनमाने ढंग से हड़प लिया और अपीलार्थी को बेदखल कर मकान ध्वस्त करने का आदेश दिया और फिर पुलिस फाॅर्स ने तत्परता दिखाते हुए अवैध कार्रवाई अंजाम दे दी। उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया।

अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है, उन्हीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर डाली।

मामला क्या था-

याची की ओर से तर्क दिया गया कि सत्र न्यायालय बलिया ने मकान खाली कराने और बकाए किराए की वसूली के मामले में अपीलार्थी के खिलाफ आदेश पारित किया था। याची हाईकोर्ट में द्वितीय अपील दाखिल करता उसके पहले ही उन्हें मकान से पुलिस बल की सहायता से बेदखल कर दिया गया और मकान को ध्वस्त कर दिया गया। याची ने कहा कि सत्र न्यायालय द्वारा पारित डिक्री के बाद कोई निष्पादन मामला दर्ज नहीं किया गया था और किसी भी निष्पादन अदालत द्वारा अपीलकर्ताओं को वाद संपत्ति से बेदखल करने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई थी। बावजूद इसके उन्हें बेदखल कर दिया गया और मकान को तोड़ दिया गया।

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अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का दीवानी मुकदमा Civil Suit चल रहा था।एसडीएम रसड़ा ने बिना किसी डिक्री निस्पादन या अदालती आदेश के कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया।

हाईकोर्ट ने डीएम बलिया DM Ballia व एसडीएम रसड़ा SDM Rasda को तलब करते हुए आदेश के अनुपालन का हलफनामा Affidavit मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है।

उच्च न्यायलय ने पुलिस की भूमिका पर अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था। ट्रेनी सीओ/एसएचओ कोतवाली उस्मान, पुलिस चौकी उत्तरी के उप निरीक्षक रवींद्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था, जिस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई है।

मकान को नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने चिह्नित किया था। जबकि एसपी बलिया SP Ballia की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली गलौज किया और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया लेकिन उनके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी।

कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है और विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है।

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