लोकसभा में निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया जिसके माध्यम से 60 पुराने एवं अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान किया गया है जिसमें एक कानून 137 वर्ष पुराना है। निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य कुछ शब्दों को बदलकर त्रुटियों को दूर करना है। निचले सदन में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने उक्त विधेयक पेश किया। इस विधेयक के माध्यम से ऐसे कानून जो बेकार हैं और प्रचलन में नहीं है, उन् हें निरस्त करने का प्रावधान है।
लोकसभा में सोमवार को निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया जिसके माध्यम से 60 पुराने एवं अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान किया गया है जिसमें एक कानून 137 वर्ष पुराना है।
निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य कुछ शब्दों को बदलकर त्रुटियों को दूर करना है।
निचले सदन में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने उक्त विधेयक पेश किया। इस विधेयक के माध्यम से ऐसे कानून जो बेकार हैं और प्रचलन में नहीं है, उन् हें निरस्त करने का प्रावधान है। ऐसे विधेयकों के माध्यम से कानून में पायी गई त्रुटियों को भी दूर किया जाता है।
इस विधेयक में भूमि अधिग्रहण (खनन) अधिनियम 1885 को भी निरस्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
इस विधेयक के माध्यम से टेलीग्राफ वायर्स (गैरकानूनी ढंग से रखने) संबंधी अधिनियम 1950 को भी निरस्त करने की बात कही गई है। इस कानून में कहा गया है कि जिस व्यक्ति के पास किसी मात्रा में टेलीग्राफ वायर पायी जाती है या रखने की बात साबित होती है, उसे दंड दिया जायेगा जब तक कि वह इस बात को साबित नहीं करता है कि ये वायर्स उसके पास वैध तरीके से आई है।
इस विधेयक के माध्यम से हाल के वर्षों में संसद में पारित कुछ विनियोग विधेयकों को निरस्त करने का भी प्रस्ताव किया गया है।