सुप्रीम कोर्ट का बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया को निर्देश, कहा वकीलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रवेश नियंत्रित करें-

उच्चतम न्यायालय ने लॉ स्कूलों LAW Schools पर भी कड़ी जांच पर दिया जोर –

Supreme Court शीर्ष अदालत ने बीसीआई (BCI) के वकील से कहा कि पेशे में प्रवेश करने वाले लोगों की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए प्रवेश को नियंत्रित करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी तय की है।

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को वकीलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए Bar Council of INDIA (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) से वकालत के पेशे में लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए कहा है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि प्रवेश स्तर पर व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है और इसके लिए उचित परीक्षा आयोजित करना बीसीआई की जिम्मेदारी है। अदालत ने लॉ स्कूलों LAW Schools पर भी कड़ी जांच पर जोर दिया। 

उच्चतम न्यायालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया ( Bar Council of INDIA ) द्वारा गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने अन्य रोजगार वाले व्यक्तियों को अपनी नौकरी छोड़ने के बिना वकील के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति दी गई थी। 

इस मामले में न्याय मित्र के रूप में पेश हुए वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने एक तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया जहां रोजगार से आने वाले लोगों को पंजीकरण नहीं हो और उन्हें शुरू में प्रमाण पत्र नहीं दिया जाए बल्कि उन्हें एक परीक्षा में बैठने के लिए कहा जाए और परीक्षा परिणाम के आधार पर पंजीकरण हो। उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा और कठोर मौखिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद व्यक्ति को बार में नामांकन की अनुमति दी जा सकती है। 

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हालांकि अदालत ने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति के पंजीकरण की अनुमति देना उचित नहीं हो सकता है जिसने मौजूदा रोजगार जारी रखा है। अदालत ने यह भी कहा कि जब बार में नामांकित एक पेशेवर कानूनी पेशा छोड़ देता है तो वह नामांकन प्रमाण पत्र को सरेंडर नहीं करता है। बीसीआई को यह भी विनियमित करना चाहिए। 

सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीआई Bar Council of INDIA का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील एसएन भट से कहा कि इसकी परीक्षा में ज्ञान का परीक्षण करना चाहिए। पीठ ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लोग कक्षाओं में उपस्थित हुए बिना कानून की डिग्री प्राप्त करते हैं। पीठ ने कहा कि ऐसे मामले भी हैं जहां गौशालाओं में कानून की पढ़ाई चल रही थी। 

पीठ ने बीसीआई Bar Council of INDIA के वकील से कहा कि पेशे में प्रवेश करने वाले लोगों की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए प्रवेश को नियंत्रित करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी तय की है।

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