वेब सीरीज ‘तांडव’ को लेकर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में अमेजन प्राइम वीडियो की भारत प्रमुख अपर्णा पुरोहित को उच्चतम न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है। उन पर उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों, हिंदू देवताओं को चित्रित करने और वेब श्रृंखला में प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने वाले एक चरित्र के नकारात्मक चित्रण को अनुचित तरीके से चित्रित करने का आरोप लगाया गया था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने इस बात पर गौर करते हुए यह राहत दी कि पुरोहित जांच में सहयोग कर रही हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘दिए गए बयान के मद्देनजर, हम अंतरिम आदेश की पुष्टि करते हैं और निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में, उन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी/निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।’’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि पुरोहित जांच में सहयोग कर रही हैं।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले पांच मार्च, 2021 को पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।
पुरोहित पर उत्तर प्रदेश पुलिस का अनुचित चित्रण करने और हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें दिखाने के आरोप हैं।
इससे पहले 27 जनवरी, 2021 को उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास जफर, पुरोहित, निर्माता हिमांशु मेहरा और शो के लेखक गौरव सोलंकी तथा अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
पुरोहित ने उच्चतम न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में दिए गए अग्रिम जमानत के अनुरोध को अदालत ने अस्वीकार कर दिया था।
जानकारी हो कि 19 जनवरी, 2021 को ग्रेटर नोएडा के रबुपुरा थाने में रउनिजा गांव के बलबीर आजाद की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।