ऑलवेदर रोड All weather Road के तहत बद्रीनाथ हाईवे Badrinath Highway पर प्रस्तावित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य जुलाई 2022 में शुरू हो जाएगा। मार्ग के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है।
बाईपास मार्ग Bypass Road के निर्माण से बदरीनाथ धाम की दूरी 30 किमी कम हो जाएगी। साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही आसान हो जाएगी।
ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत जोशीमठ से 13 किलोमीटर पहले हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। जोशीमठ नगर के निचले हिस्से में करीब पांच किमी तक इस मार्ग का निर्माण होगा। सीमा सड़क संगठन (बोर्डेर रोड आर्गेनाईजेशन) ने पांच किलोमीटर के दायरे में पेड़ों के कटान का काम पहले ही पूर्ण कर लिया था।
गौरतलब हो की जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने मार्ग के विरोध में करीब एक वर्ष तक आंदोलन किया, जिस कारण निर्माण नहीं हो पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। चीन सीमा क्षेत्र तक सेना की आवाजाही को सुगम करने का हवाला देते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बाईपास मार्ग के निर्माण को जरूरी बताया, जिसके बाद मार्ग निर्माण को न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है।
बाईपास मार्ग के निर्माण से बद्रीनाथ धाम की आने-जाने में 30 किमी की दूरी कम हो जाएगी। अभी तक तीर्थयात्री हेलंग से जोशीमठ होते हुई मारवाड़ी पहुंचते हैं, इसकी दूरी 20 किमी है, जबकि प्रस्तावित बाईपास हेलंग-मारवाड़ी मार्ग करीब 5 किमी का है। बाईपास मार्ग के निर्माण के बाद तीर्थयात्रियों के लिए बदरीनाथ धाम आने-जाने में 30 किमी की दूरी कम हो जाएगी।
हेलंग-जोशीमठ मार्ग का चौड़ीकरण होगा –
बाईपास मार्ग के निर्माण के साथ ही हेलंग-जोशीमठ मोटर मार्ग के चौड़ीकरण का काम भी शुरू होगा। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हेलंग-मारवाड़ी (5 किमी) मार्ग का नवनिर्माण और हेलंग-जोशीमठ (10 किमी) मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य एक साथ शुरू किया जाएगा। इसके बाद जोशीमठ बाजार में जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
बद्रीनाथ हाईवे मार्ग पर हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण पांच किलोमीटर तक होना है। दो साल तक न्यायालय के आदेश पर मार्ग निर्माण कार्य रुका रहा, अब उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिल गई है। दो माह बाद पहाड़ो की कटिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, यदि मौसम ने साथ दिया तो एक साल में ही बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। -कर्नल मनीष कपिल, कमांडर, बीआरओ, जोशीमठ।