सुप्रीम कोर्ट ने सिमी प्रमुख सफदर नागोरी की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

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सुप्रीम कोर्ट ने सिमी प्रमुख सफदर नागोरी की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली | विधि संवाददाता

सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के पूर्व प्रमुख सफदर नागोरी की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। नागोरी ने अपनी याचिका में राजद्रोह कानून (धारा 124A, IPC) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई स्थगन की स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है, जो कि उनके आपील की प्रक्रिया को रोक रही है।


क्या है मामला?

नागोरी के वकील ने अवकाशकालीन पीठ के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके मुवक्किल को कई आतंकवाद संबंधी अपराधों के तहत दोषी ठहराया गया था, जिनमें से अधिकांश की सजा पूरी हो चुकी है। लेकिन, राजद्रोह के आरोप में सुनाई गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में लंबित अपील पर निर्णय ठहरा हुआ है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 124A (राजद्रोह) की वैधानिकता की समीक्षा होने तक इसकी प्रभावी कार्रवाई पर रोक लगा रखी है।


हाईकोर्ट में क्या स्थिति है?

नागोरी के वकील ने यह भी सूचित किया कि राजद्रोह संबंधी अपील पर बहस पूरी हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के कारण फैसला लंबित है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया है।


पृष्ठभूमि

2017 में, मध्य प्रदेश की एक जिला अदालत ने नागोरी समेत 11 अन्य अभियुक्तों को हथियार, विस्फोटक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की साजिश रचने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह सभी आरोपी मार्च 2008 में स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।

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क्या मांग की गई है?

नागोरी ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह स्पष्ट करे कि राजद्रोह कानून पर लगाई गई रोक केवल नए मामलों पर लागू होगी या लंबित अपीलों पर भी। उनका तर्क है कि वह अन्य सभी सजाएं पूरी कर चुके हैं, लेकिन केवल एक प्रावधान (124A) की वैधानिकता के कारण उनकी अपील अनिश्चित काल के लिए अटकी हुई है, जो उनके न्याय पाने के अधिकार का उल्लंघन है।


यह मामला न केवल राजद्रोह कानून की वर्तमान स्थिति पर न्यायिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी उठाता है कि लंबित अपीलों और न्यायिक प्रक्रिया की गति पर इसके व्यावहारिक प्रभाव क्या हैं।

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