Tata Sons Vs Cyrus Mistry – साइरस मिस्त्री की याचिका पर भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि याचिका पर 10 दिनों के बाद सुनवाई होगी।
शीर्ष अदालत ने साइरस मिस्त्री की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त कर दी है। इस याचिका में मिस्त्री ने टाटा समूह के अपने अध्यक्ष के रूप में उन्हें हटाने के फैसले को बरकरार रखते हुए उनके खिलाफ की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब मामले को 10 दिनों के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट किया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ को सीआईपीएल और मिस्त्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने कहा कि यह याचिका मिस्त्री के खिलाफ कुछ तल्ख टिप्पणियों को हटाने के लिए दायर की गई है । जो कि मिस्त्री के प्रतिष्ठा, अखंडता और चरित्र को प्रभावित करती है।
मिस्त्री को चेयरमैन पद से अक्तूबर 2016 में हटाया गया था –
मिस्त्री को 24 अक्तूबर 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक बिना कोई कारण बताए हटा दिया गया था। हालांकि, बाद में कुछ प्रेस बयानों में समूह ने दावा किया कि मिस्त्री अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे और उनकी निगरानी में टाटा संस को नुकसान हुआ। दूसरी ओर मिस्त्री के अनुसार घाटे के आंकड़ों में समूह की भारी लाभ कमाने वाली कंपनी टीसीएस से मिलने वाले लाभांश को शामिल नहीं किया गया, जो औसतन सालाना 85 फीसदी से अधिक था।
पिछली सुनवाई 21 फरवरी को भी हुई थी सुनवाई-
ज्ञात हो कि 21 फरवरी को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2:1 के बहुमत से मिस्त्री समूह द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर नौ मार्च को खुली अदालत में विचार करने पर सहमति व्यक्त की है।
न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम ने पुनर्विचार याचिका पर विचार करने के 15 फरवरी के इस आदेश से असहमति जताई है। सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार पुनर्विचार याचिकाओं पर जजों के चैंबर के भीतर विचार किया जाता है।