वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर सर्वोच्च कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने फिलहाल मामले को कल शुक्रवार 3 बजे तक के लिए टाल दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि तब तक वाराणसी सिविल कोर्ट भी शुक्रवार को सुनवाई करे।
उच्चतम न्यायलय Supreme Court ने वाराणसी के सिविल कोर्ट को ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण Gyanvapi Masjid Survey मामले की सुनवाई टालने को गुरुवार को कहा है। इस मामले में एक हिंदू वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने एक दिन के लिए स्थगन की मांग की थी।
वाराणसी की सिविल अदालत के समक्ष हिंदू वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘वे आज वाराणसी में सिविल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही जारी रखने के लिए दबाव नहीं डालेंगे।’
मुस्लिम पक्ष के लिए अंजुमन इंतजामिया कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने दलील रखी। मुस्लिम पक्ष के वकील की मांग थी कि वाराणसी कोर्ट में चल रही सुनवाई पर तुरंत रोक लगाते हुए पुरानी यथास्थिति को बरकरार रखा जाए। अहमदी ने ‘वुजूखाना’ के चारों ओर एक दीवार गिराए जाने का मुद्दा भी उठाया।
जैन ने प्रस्तुत किया कि सिविल कोर्ट के समक्ष पांच हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य वकील हरि शंकर जैन ‘आज सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होने में असमर्थ थे’। उन्होंने पीठ के समक्ष दोहराया कि ‘वे आज सिविल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे’।
पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद, मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को अपराह्न् 3 बजे निर्धारित की है।
17 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक वीडियो सर्वेक्षण के दौरान उस क्षेत्र की रक्षा और सील करने का निर्देश दिया था जहां कथित रूप से ‘शिवलिंग’ पाया गया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को मुसलमानों को ‘नमाज’ अदा करने के लिए मस्जिद में प्रवेश करने से प्रतिबंधित नहीं करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिंह ने कहा, “जिस जगह पर ‘शिवलिंग’ पाया गया है, उसकी रक्षा की जानी चाहिए।” पीठ ने कहा कि मुस्लिमों को ‘नमाज’ या इबादत के लिए मस्जिद में प्रवेश करने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अदालत में सोंपी गईसर्वे की रिपोर्ट, 12 पन्नो, तीन बॉक्स में सर्वें का जिक्र-
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आज अदालत में कुछ देर में चार अर्जियों पर सुनवाई होनी है। हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने 6 और 7 मई को कराए सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंप चुके हैं। इसके बाद अब कोर्ट आज हिंदू पक्ष की ओर से दीवार तोड़कर जांच कराने की मांग पर सुनवाई करेगा। यह सुनवाई कल होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से हो पाई थी। जिन दो याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई थी, उन पर भी आज जिला अदालत सुनवाई करेगी।
जिन चार अर्जियों पर सुनवाई होनी है उनमें पहली अर्जी मछिलयों को संरक्षित किए जाने की है, मस्जिद की दीवार तोड़ी जाने पर है, तीसरी अर्जी हिन्दू पक्ष की तरफ से अजय मिश्रा को बतौर कोर्ट कमिनशर रिपोर्ट फाइल करने का अधिकार देने की मांग है और चौथी अर्जी मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज कराने को लेकर समय मांगने की अर्जी पर सुनवाई होनी
है।
दरअसल महिला पक्ष की तरफ से दायर याचिका में नंदी के सामने बंद दीवार को तोड़कर रास्ता देने और शिवलिंग वाली जगह पर पूजा की इजाजत की मांग की गई है वहीं एक अन्य याचिका में वुजूखाने में मौजूद मछलियों को कहीं और शिफ्ट करने और नमाजि़यों के वुजू करने और शौचालय की व्यवस्था सील की गई जगह से दूर करने के लिये याचिका दी गई है।
गौरतलब हो कि वाराणसी की जिला अदालत में दूसरे चरण की सर्वें रिपोर्ट सौंप दी गई है। अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी से हटाने के बाद ज्ञानवापी में 14 मई से 16 मई के बीच सर्वे का काम विशाल सिंह की देखरेख में कराया गया जिसकी रिपोर्ट सोंपी गई है।
यह रिपोर्ट सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के चैबर में दाखिल की गई है। रिपोर्ट के साथ में सहायक कोर्ट कमीशनर भी मौजूद थे। सील बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट सोंपी गई है। तीन बॉक्स जमा कराये गए हैं। इनमें एक में विडिओग्राफी, एक में चिप और एक में अन्य सामग्री है।