Tag: landmark judgment
IPC धारा 409, 420 और 477 ए के तहत आरोप साबित करने के आवश्यक सामग्री की सुप्रीम कोर्ट ने की व्याख्या-
सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने भारतीय दंड संहिता Indian Penal Code की धारा 409, 420 और 477 ए के तहत आरोप साबित करने के लिए आवश्यक सामग्री की व्याख्या की। अस्तु यह माना गया कि अभियुक्तों के खिलाफ साबित कोई भी [more…]
इंडियन इम्पोर्टर, ‘समुद्री मार्ग माल ढुलाई भाड़ा’ पर अलग से IGST का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं – सुप्रीम कोर्ट
न्यायमूर्ति डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने माना है कि सीआईएफ (लागत, बीमा और माल ढुलाई) अनुबंध CIF (Cost, Insurance, and Freight) Contract में शिपिंग लाइन द्वारा सेवाओं की आपूर्ति के लिए एक भारतीय आयातक पर अलग [more…]
दुष्कर्म के मामले में पटना उच्च न्यायलय का लैंडमार्क जजमेंट, कहा यदि पीड़िता द्वारा विरोध नहीं तो भी यह उसकी सहमति नहीं-
पटना उच्च न्यायलय Patna High Court ने दुष्कर्म के ही एक मामले में सुनवाई के दौरान एक विशेष टिप्पणी Special Comment की है, जिसके ऐसे मामलों में दूरगामी परिणाम होंगे। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दुष्कर्म पीड़िता Rape Victim वारदात [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले को उलट DJ के आदेश को दी मंजूरी कहा Article 227 के तहत उच्च न्यायलय को सिर्फ पर्यवेक्षण का अधिकार-
उच्च न्यायालय ने जिला जज ने विवादित सम्पत्ति खाली करने के आदेश और अंतिम आदेश के खिलाफ संयुक्त संशोधन याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करके कानूनन गलत किया था। सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने स्पष्ट किया है कि भारत के संविधान [more…]
सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्प्णी: अधिग्रहण और मुआवजा चुकाने के बाद जमीन पूरी तरह सरकार की, भू स्वामी का कोई दावा शेष नहीं रह जाता है-
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास संबंधित भूमि पर कब्जे का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अधिग्रहण के बाद भूमि पूरी तरह राज्य का हिस्सा हो चुकी है। शीर्ष अदालत Supreme Court याचिका पर सुनवाई करते हुए [more…]
तेलगांना हाई कोर्ट ने 58 वर्ष पूर्व 60 रु में सरकार द्वारा अधिग्रहित घर और जमीन को उसके मालिक को वापस दिला किया न्याय –
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 58 साल बाद एक ताड़ी मजदूर के परिवार को दिया न्याय तेलंगाना सरकार को रामा गौड़ के परिवार को सब कुछ लौटाने का आदेश मामला 58 साल पुराना है जब रंगारेड्डी आंध्र प्रदेश राज्य का हिस्सा था [more…]
गर्भपात के लिए पति की मंजूरी आवश्यक नहीं, ये पूरी तरह से पत्नी पर निर्भर है कि वो बच्चे को जन्म देना चाहती है या नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायलय Supreme Court द्वारा एबॉर्शन Abortion पर एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा गया कि अब किसी भी महिला को Abortion के लिए पति की इजाजत लेना जरूरी नहीं। एक पति के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई करते [more…]
हाईकोर्ट ने 8 IAS अधिकारियों को “अदालत के अवमानना” पर सुनाई दो सप्ताह जेल की सजा-
हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों से ग्राम और वार्ड सचिवालयों को हटाने के अपने आदेशों को लागू नहीं करने के लिए अधिकारियों को डांट लगाई। कोर्ट ने यह पाया था कि अफसरों ने जानबूझकर एक साल पहले पारित आदेशों को लागू नहीं [more…]
Landlord Tenant Case पर सुप्रीम कोर्ट का classic Judgment: 1 लाख का पेनल्टी भी दो और 11 साल का रेंट भी चुकाओ-
मकान मालिक (Landlord) और किरायेदारों (Tenants) के झगड़े किसी भी जगह आम बात हैं। विवाद बढ़ने पर मामला कोर्ट में भी जाता है और फैसले भी आते हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने एक ऐसा अनोखा केस आया जिसे कोर्ट [more…]
महिला के अंडरपैंट पर पुरुष अंग को रगड़ना भी रेप के समान, हाई कोर्ट ने दिया फैसला-
मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) की बेंच ने कहा कि अंडरपैंट पहनी महिला के प्राइवेट पार्ट के ऊपर पुरुष के अंग की कोई भी हरकत उसे सजा दिलाने के लिए काफी है। खासकर महिला के प्राइवेट पार्ट पर कुछ भी [more…]