सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक स्थल निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में इस मंदिर को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। ऐसे में लखनऊ विकास प्राधिकार ने डिमोलिशन ऑर्डर पास किया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद गोमतीनगर विस्तार स्थित राप्ति अपार्टमेंट में बनाए गए धार्मिक स्थल (मंदिर) को लखनऊ विकास प्राधिकरण को तोड़ देगा। जिसको लेकर राप्ती अपार्टमेंट के अवंतियों के बीच आक्रोश है। लोगों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण का विरोध करने का फैसला किया है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमती नगर विस्तार स्थित राप्ती अपार्टमेंट में बने मंदिर को तोड़ेगा। कोर्ट के आदेश के यह कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, यहां पर अपार्टमेंट के पार्क में स्थानीय लोगों द्वारा चंदा लगातार मंदिर का निर्माण करा लिया गया है। उसका कुछ लोगों विरोध किया।
वही दूसरी ओर एलडीए का कहना है कि सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक स्थल निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में इस मंदिर को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। ऐसे में लखनऊ विकास प्राधिकार ने डिमोलिशन ऑर्डर पास किया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण का दस्ता सोमवार सुबह 11 बजे मंदिर की ओर जाएगा। हालांकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लखनऊ दौरे को लेकर इस कार्रवाई के होने की संभावना बहुत कम है।
राप्ती अपार्टमेंट में रहने वालों का पक्ष-
राप्ती अपॉर्टमेंट के मंदिर में विधिवत प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भगवान भोलेशंकर, उनका पूरा परिवार, बजरंग बली, राम दरबार, मां सरस्वती, राधे-कृष्ण तथा मां दुर्गा विराजमान हैं। राप्ती अपार्टमेंट के अलावा आसपास के सैकड़ों लोग यहां पूजा पाठ करते हैं। राप्ती अपार्टमेंट की वार्षिक आम सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि समस्त निवासियों को सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक पूजा स्थल /ध्यान स्थल का निर्माण कराया जाए। इस संबंध में समस्त निवासियों के सहमति से एक रिक्त स्थान चुनकर उस पर देवालय (मंदिर) का निर्माण कराया गया।
जानकारी हो की गोमतीनगर विस्तार के राप्ती अपार्टमेंट में निवास कर रहे सभी लोगों में एक को छोड़कर सभी की सहमति से मंदिर बनाया गया है लेकिन जिस व्यक्ति ने मंदिर के ख़िलाफ़ PIL किया है वो यहां निवास भी नहीं करते हैं। उच्च न्यायलय के निर्देश के समादर में मंदिर यथावत का निर्णय भी लिया जा सकता है, परंतु एलडीए ने इसके विपरीत सभी के धार्मिक भावनाओं तथा सनातन धर्म के सिद्धांतों के विपरीत एलडीए ने इसे हटाने का निर्णय लिया है।
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि एक ओर अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एक मंदिर को तोड़ने का आदेश कर दिया गया है।
ज्ञात हो की लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यह हाईकोर्ट का आदेश है और मंदिर अवैध रूप से निर्मित किया गया है जिसको तोड़ा जाएगा, मगर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे को लेकर इसकी संभावना बहुत कम है।
केस नंबर – WPIL No. 891/2023