devendra kumarsaurabh srivastavalucknow bench 254698743

बिना नोटिस के एक अधिवक्ता का मकान तोड़े जाने के आरोप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई-

इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच ने नोटिस जारी किए बिना एक वकील के घर को कथित रूप से गिराए जाने पर जिला प्रशासन की खिंचाई की है।

अदालत ने कहा-

“… विध्वंस की कथित कार्रवाई, वह भी बिना मकान मालिक को नोटिस दिए, प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में बहुत कुछ कहती है।”

जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की बेंच ने पक्षकारों को मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी पेश हुए। जिला बार एसोसिएशन, अमेठी द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें जिला प्रशासन द्वारा बार एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ पहुंच के विभिन्न आरोपों का कथित रूप से उल्लेख किया गया है।

एक घटना जिस पर याचिकाकर्ता के वकील द्वारा जोर दिया गया है वह उस जमीन से संबंधित है जो जिला बार एसोसिएशन, अमेठी के महासचिव को दी गई थी। कहा गया है कि एक बार जमीन की अदला-बदली वैधानिक रूप से हुई और वह भी संबंधित अदालत के आदेश के तहत उक्त जमीन पर उक्त महासचिव का कब्जा हो गया और उसने एक मकान व उसकी बाउंड्री बना ली।

न्यायालय ने याचिका के साथ संलग्न एक पत्र देखा जिसमें यह कहा गया है कि उपरोक्त आदेश के माध्यम से भूमि का आदान-प्रदान गलत तरीके से किया गया था। याचिकाकर्ता के वकील का दावा है कि उक्त आदेश को तत्काल रद्द करने के बाद भारी मशीनरी का उपयोग कर मकान को गिरा दिया गया है।

अदालत ने कहा कि मकान मालिक को नोटिस दिए बिना विध्वंस की कथित कार्रवाई प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में बहुत कुछ कहती है।

ALSO READ -  हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: 23 साल से अलग रह कर भी पत्नी का तलाक के लिए राजी न होना पति के प्रति क्रूरता, डाइवोर्स ग्रांटेड-

कोर्ट ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह कोर्ट के सामने सभी तथ्य रखें।

कोर्ट ने आगे कहा, “हम यह भी उम्मीद करते हैं कि बार एसोसिएशन के सदस्यों को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ेगा।”

केस टाइटल – जिला बार एसोसिएशन अमेठी बनाम यूपी राज्य और 6 अन्य
केस नंबर – पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नो – 828 ऑफ़ 2022

Translate »
Scroll to Top