शीर्ष अदालत ने दर्ज किया कि नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में, हर एक दिन मायने रखता है

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शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायलय से उत्पाद शुल्क मामले में आरोपी की जमानत याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि, नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में, हर एक दिन मायने रखता है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में एक आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका पर निर्णय में तेजी लाने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट से, अदालत की छुट्टियां शुरू होने (1 जून) से पहले आवेदन पर फैसला करने को कहा है। असल में दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी।

व्यापारी अमनदीप सिंह ढल ने अदालत द्वारा दिए गए लंबे स्थगन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जब उनका मामला अदालत के समक्ष 11 महीने से लंबित था। अदालत ने दर्ज किया कि नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में, हर एक दिन मायने रखता है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को ग्रीष्मावकाश से पहले जमानत अर्जी पर फैसला लेने का निर्देश दिया, जो 3 जून से शुरू हो रहा है, जबकि 31 मई आखिरी कार्य दिवस है।

अदालत के अनुसार, जमानत मामले को लगभग 11 महीने तक लंबित रखना ढल को उसकी स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित करता है। पिछले साल जुलाई में, हाईकोर्ट ने दिल्ली के बिजनेसमैन अमनदीप सिंह ढल द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा था। ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अमनदीप सिंह ढल को पिछले साल 1 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में, अप्रैल में उन्हें इसी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी गिरफ्तार किया था।

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जांच एजेंसियों के मुताबिक, ढल्ल शराब नीति बनाने और आम आदमी पार्टी को फायदा पहुंचाने में शामिल थे। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को शराब नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया।

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